ये NRI बने अडानी के संकट मोचक, एक फैसले ने बदल दी किस्मत
Gautam Adani Stocks And NRI Rajeev Jain Investments: अडानी समूह में स्टॉक्स में आई तेजी की बड़ी वजह NRI राजीव जैन हैं, जिन्होंने अडानी समूह में 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है। जैन के निवेश के बाद से ही अडानी के स्टॉक में तेजी का रूख बना हुआ है और वह उनके लिए संकट मोचक बनकर उभरे हैं।
राजीव जैन ने अडानी ग्रुप में किया 15000 करोड़ का निवेश
इसी का असर है कि एक समय अमीरों की लिस्ट में टॉप-30 से बाहर हो चुके, समूह के चेयरमैन गौतम अडानी फिर तेजी से लिस्ट में ऊपर बढ़ रहे हैं। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के अनुसार गौतम अडानी 6 मार्च को अमीरों की लिस्ट में 24 वें पायदान पर पहुंच गए। और उनकी नेटवर्थ 49.8 अरब डॉलर पहुंच गई है। अडानी समूह में स्टॉक्स में आई तेजी की बड़ी वजह NRI राजीव जैन हैं, जिन्होंने अडानी समूह में 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है। जैन के निवेश के बाद से ही अडानी के स्टॉक में तेजी का रूख बना हुआ है और वह उनके लिए संकट मोचक बनकर उभरे हैं..
कौन हैं राजीव जैन
NRI राजीव जैन अमेरिकी एसेट मैनेजमेंट फर्म जीक्यूजी (GQG) पार्टनर्स के चेयरमैन और चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर हैं। जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडानी समूह की चार कंपनियों में 15,446 करोड़ रुपये का निवेश किया है। फर्म ने अडानी एंटरप्राइजेज में 3.4 फीसदी, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड में 4.1 फीसदी,अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड में 2.5 फीसदी और अडानी ग्रीन एनर्जी में 3.5 हिस्सेदारी खरीदी है। अडानी समूह में इस निवेश के बाद से ही ग्रुप पर हिंडनबर्ग इंफेक्ट का साया कम होता दिख रहा है।
असल में GQG पार्टनर्स एक इनवेस्टर फर्म है जो अपने क्लाइंट्स की ओर से बाजार में निवेश का काम करती है। 31 दिसंबर, 2022 के आंकड़ों तक के अनुसार कंपनी करीब 88 अरब डॉलर के निवेश का प्रबंधन करती है।कंपनी का मुख्यालय अमेरिका के फ्लोरिडा में है। यह कंपनी साल 2021 में ऑस्ट्रेलिया में सबसे बड़ा आईपीओ भी ला चुकी है। कंपनी के चेयरमैन राजीव जैन का जन्म भारत में हुआ है। वह स्विस बैंक कॉरपोरेशन में इंटरनेशनल इक्विटी एनालिस्ट के तौर पर भी काम कर चुके हैं।
जैन ने क्यों लगाया दांव
साल 2016 में GQG पार्टनर्स की शुरूआत करने वाले, राजीव जैन ने अडानी समूह की कंपनियों में निवेश करने पर कहा है कि वे मानते हैं कि इन कंपनियों में लंबे समय तक विस्तार करने की पर्याप्त संभावनाएं है। साथ ही उन्होंने गौतम अडानी उनकी पीढ़ी के सबसे बेहतरीन उद्यमियों से एक हैं। वहीं हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर उन्होंने कहा है कि अडानी समूह के मामले में उन्होंने गहराई से पड़ताल की है और वह हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से सहमत नहीं हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद गौतम अडानी की नेटवर्थ में तेजी से गिरावट आई है। इस साल उनकी दौलत में 77 अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है।
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