माइक्रो स्मॉल कंपनियों पर निगरानी बढ़ाएंगे NSE-BSE, आज से बढ़ गया 2000 से ज्यादा शेयरों पर पहरा

Surveillance Mechanism For Micro-Small Companies : एनएसई और बीएसई ने दो अलग-अलग सर्कुलर में कहा कि सेबी और एक्सचेंजों की जॉइंट मीटिंग हुई, जिसमें "माइक्रो-स्मॉल" कंपनियों (मुख्य तौर पर 500 करोड़ रुपये से कम मार्केट कैप वाली कंपनियों) के लिए ईएसएम फ्रेमवर्क शुरू करने का फैसला किया गया।

Surveillance Mechanism For Micro-Small Companies

सेबी और एक्सचेंजों की जॉइंट मीटिंग में फैसला

मुख्य बातें
  • माइक्रो स्मॉल कंपनियों पर बढ़ेगी निगरानी
  • एनएसई-बीएसई का नया फ्रेमवर्क आज से लागू
  • ट्रेडिंग के लिए ट्रेड फॉर ट्रेड मैकेनिज्म होगा अहम

Surveillance Mechanism For Micro-Small Companies : स्मॉल-कैप शेयरों (Small Cap Stocks) में आने वाली अस्थिरता पर लगाम लगाने के लिए प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) ने 500 करोड़ रुपये से कम मार्केट कैप वाली कंपनियों के लिए सर्विलांस मैकेनिज्म को और बेहतर बनाया है। Enhanced Surveillance Measure (ईएसएम) 5 जून से लागू हो गए हैं। इससे 200 से अधिक कंपनियों पर निगरानी बढ़ गई है। बता दें कि अकसर स्मॉल और माइक्रो कैप कंपनियों में बहुत अधिक अस्थिरता देखने को मिलती है। इसी पर अंकुश लगाने के लिए यह फैसला किया गया है।

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सेबी और एक्सचेंजों की जॉइंट मीटिंग में फैसला

एनएसई और बीएसई ने दो अलग-अलग सर्कुलर में कहा कि सेबी और एक्सचेंजों की जॉइंट मीटिंग हुई, जिसमें "माइक्रो-स्मॉल" कंपनियों (मुख्य तौर पर 500 करोड़ रुपये से कम मार्केट कैप वाली कंपनियों) के लिए ईएसएम फ्रेमवर्क शुरू करने का फैसला किया गया।

ईएसएम फ्रेमवर्क के तहत सिक्योरिटीज को शॉर्टलिस्ट करने के मापदंडों में हाई-लो प्राइस वेरिएशन और क्लोज-टू-क्लोज प्राइस वेरिएशन शामिल है।

5 फीसदी या 2 फीसदी होगा प्राइस बैंड

एक्सचेंजों ने कहा है कि फ्रेमवर्क के तहत इन सिक्योरिटीज के लिए ट्रेडिंग ट्रेड फॉर ट्रेड मैकेनिज्म (Trade For Trade Mechanism) से सेटल होंगे, जिसमें प्राइस बैंड 5 प्रतिशत या 2 प्रतिशत (यदि शेयर पहले से ही 2 प्रतिशत बैंड में है) होगा।

स्टेज II में मौजूद सिक्योरिटीज का क्या होगा

स्टेज II में मौजूद सिक्योरिटीज के लिए, ट्रेडिंग को 2 प्रतिशत के प्राइस बैंड के साथ ट्रेड फॉर ट्रेड मैकेनिज्म के जरिए सेटल किया जाएगा। इन सिक्योरिटीज के ट्रेड को पीरियडिक कॉल ऑक्शंस के साथ हफ्ते में एक बार अनुमति दी जाएगी।

ये कंपनियां रहेंगी फ्रेमवर्क से बाहर

सरकारी कंपनियों और बैंक के अलावा जिन सिक्योरिटीज पर डेरिवेटिव प्रोडक्ट उपलब्ध हैं, उन्हें ESM फ्रेमवर्क के तहत शॉर्टलिस्टिंग की प्रोसेस से बाहर रखा जाएगा।

डिस्क्लेमर : इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। यहां निवेश की सलाह नहीं दी गई है। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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