33,569 करोड़ के मालिक, फिर भी कंपनी में सैलरी का टोटा, इनका जिन्ना से है नाता
33,569 करोड़ के मालिक नुस्ली वाडिया की कंपनी गोफर्स्ट ने दिवालिया होने के लिए अप्लाई कर दिया है। गोफर्स्ट आर्थिक संकट से गुजर रही है, जबकि वाडिया खुद इस समय दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में 698वें नंबर पर हैं।
गोफर्स्ट ने दिवालिया होने के लिए अप्लाई किया
- गोफर्स्ट ने किया दिवालिया होने के लिए अप्लाई
- वाडिया ग्रुप की कंपनी है गोफर्स्ट
- नुस्ली वाडिया हैं वाडिया ग्रुप के चेयरमैन
कर्मचारियों की सैलेरी अटकी
गोफर्स्ट अपने कर्मचारियों को सैलेरी नहीं दे पा रही है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार गोफर्स्ट अपने कर्मचारियों की सैलेरी में देरी कर रही है। वहीं कंपनी पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का भी बकाया है। इसी तरह गोफर्स्ट को प्रैट एंड व्हिटनी की तरफ से कंपनी को इंजनों को सप्लाई नहीं की गई।
कंपनी को अपने आधे जहाजों का ऑपरेशन भी रोकना पड़ा और उन्हें जमीन पर उतारना पड़ा। इन सभी वजहों से नौबत अब दिवालिया होने की आ गई है। पर नुस्ली वाडिया खुद समय दुनिया के 698वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
ये हैं वाडिया ग्रुप की कंपनियां
नुस्ली वाडिया वाडिया ग्रुप के चेयरमैन हैं, जिनके पास कई कंपनियां हैं। ग्रुप की वेबसाइट के अनुसार इनमें गो फर्स्ट के अलावा बॉम्बे बर्मा ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन, बॉम्बे डाइंग एंड मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड, ब्रिटानिया, नेशनल पेरोक्साइड, बॉम्बे रियल्टी और वाडिया-टेक्नो इंजीनियरिंग सर्विसेज शामिल हैं। कर्मचारियों की सैलेरी में देरी केवल गोफर्स्ट में आ रही है।
जिन्ना से है रिश्ता
नेविल वाडिया और दीना वाडिया के बेटे, नुस्ली वाडिया का जन्म मुंबई में एक प्रमुख और अमीर पारसी परिवार में हुआ था। वह अपने दादा सर नेस वाडिया के वंशज हैं, जो एक मशहूर कपड़ा उद्योगपति थे। वाडिया की मां दीना वाडिया पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की बेटी हैं। यानी जिन्ना वाडिया के नाना हैं।
इंग्लैंड में की है पढ़ाई
नुस्ली वाडिया ने मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल और इंग्लैंड में रग्बी स्कूल से पढ़ाई की। बाद में वे फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी गए, जहाँ से उन्होंने केमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री हासिल की।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनके पिता ब्रिटानिया को बेचना चाहते थे। मगर नुस्ली वाडिया के मन में ब्रिटानिया के लिए कुछ और ही प्लान था। वे ब्रिटानिया के साथ कुकीज और बिस्कुट सेक्टर में एंट्री करने का लंबे समय से इंतेजार कर रहे थे।
1993 में बने चेयरमैन
5 सितंबर 1993 को, बाडिया ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के रूप में शामिल हुए और तब से ब्रिटानिया के चेयरमैन हैं।
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