Crude Oil Import:रुपये में पेमेंट को लेकर ज्यादा इंटरेस्ट नहीं, कच्चे तेल पर देशों ने पल्ला झाड़ा
Crude Oil Import In Rupees: पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने विभाग से संबंधित संसदीय समिति को बताया है कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान सार्वजनिक पेट्रोलियम कंपनियों ने कच्चे तेल के आयात के लिए कोई भी भुगतान भारतीय रुपये में नहीं किया।
कच्चे तेल पर रूपये में लेन-देन नहीं
इसलिए अभी नहीं मिली सफलता
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने विभाग से संबंधित संसदीय समिति को बताया है कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान सार्वजनिक पेट्रोलियम कंपनियों ने कच्चे तेल के आयात के लिए कोई भी भुगतान भारतीय रुपये में नहीं किया। कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाले देशों ने धन को पसंदीदा मुद्रा में बदलने, इससे जुड़ी उच्च लेनदेन लागत और विनिमय दर के जोखिमों पर अपनी चिंता जताई है।पिछले सप्ताह संसद में पेश की गई समिति की रिपोर्ट में मंत्रालय के इस पक्ष का उल्लेख है। इसके मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने कहा है कि उसे उच्च लेनदेन लागत का सामना करना पड़ा है, क्योंकि कच्चे तेल के आपूर्तिकर्ता अतिरिक्त लेनदेन लागत का भार आईओसी पर डालते हैं।
रोजाना 55-56 लाख बैरल की खपत
मंत्रालय ने कहा, ''कच्चे तेल के लिए भुगतान भारतीय रुपये में किया जा सकता है, बशर्ते आपूर्तिकर्ता इस संबंध में नियामकीय दिशानिर्देशों का पालन करें।मंत्रालय ने कहा है कि इस समय रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए भारतीय मुद्रा में खरीदारी करने के लिए कोई भी समझौता नहीं किया है।भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है और अपनी अधिकांश जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है।मंत्रालय ने समिति को बताया, ''भारत की खपत लगभग 55-56 लाख बैरल प्रति दिन है। इसमें से हम प्रति दिन लगभग 46 लाख बैरल तेल का आयात करते हैं, जो दुनिया में कुल तेल व्यापार का लगभग 10 प्रतिशत है।''
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