पुरानी और नयी टैक्स रेजीम में कहां होगी ज्यादा बचत, नये फाइनेंशियल ईयर में जरूर जानें

जब से नयी टैक्स रेजीम शुरू की गयी है, तब से करादाताओं के मन में ये सवाल रहता है कि वे नयी और पुरानी में से कौन सी टैक्स रेजीम चुनें। सरकार ने अब नयी टैक्स रेजीम को और भी आकर्षक हो गयी है, क्योंकि इसने सरकार ने कई छूट शामिल की हैं।

पुरानी और नयी टैक्स रेजीम में कौन सी है बेहतर

मुख्य बातें
  • नयी टैक्स रेजीम में अब अधिक फायदे मिलेंगे
  • इसमें 50000 रु के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलेगा
  • सरकार ने पुरानी टैक्स रेजीम को भी बरकरार रखा है
Old Tax Regime vs New Tax Regime : सरकार ने नयी टैक्स रेजीम को बढ़ावा देने के लिए इसमें बजट 2023 के दौरान कई इंसेंटिव्स शामिल किए। इससे करदाता (टैक्स देने वाले) कंफ्यूज हो गये हैं कि वे पुरानी टैक्स रेजीम चुनें या नयी। वैसे तो दोनों टैक्स रेजीम के अपने-अपने फायदे हैं, पर आपको ये देखना होगा कि कौन सी रेजीम के फायदे आपके लिए ज्यादा बेहतर रहेंगे। अपना फायदा देखकर ही आपके लिए नये और पुराने में से कोई एक टैक्स रेजीम चुननी आसान होगी।
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नयी और पुरानी टैक्स रेजीम पर एक नजर
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नयी टैक्स रेजीम में आपको एचआरए, एलटीए, 80सी और 80डी आदि जैसी टैक्स छूट नहीं मिलेंगी। इसमें 3 लाख रु तक की सालाना आय पर टैक्स छूट मिलती है, पर 7 लाख रु तक की आय पर रिबेट दी जाती है। यानी 7 लाख रु तक की इनकम टैक्स फ्री। पुरानी टैक्स रेजीम में केवल 5 लाख रु तक की सालाना आय टैक्स फ्री है। नयी और पुरानी टैक्स रेजीम में टैक्स रेट 5 फीसदी से अधिकतम 30 फीसदी तक है। पुरानी टैक्स रेजीम की तरह अब नयी टैक्स रेजीम में भी 50000 रु की स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलेगा। इस तरह नये टैक्स रेजीम में 7.5 लाख रु तक की आय टैक्स फ्री रहेगी। पर पुरानी टैक्स रेजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ ये लिमिट 5.50 लाख रु रहेगी।
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