IPO के बाद किस आधार पर मिलते हैं शेयर, इश्यू के ओवरसब्सक्राइब होने पर कंपनी कैसे करती हैं बंटवारा, जानिए सबकुछ
How Shares Are Allotted After IPO: यदि आईपीओ ओवरसब्सक्राइब हो जाता है, तो फिर कंपनी अलग-अलग कैटेगरी देखती है। जैसे कि यदि रिटेल कैटेगरी को कम सब्सक्राइबर किया गया तो उसके बचे हुए शेयर अन्य कैटेगरियों के निवेशकों दिए जा सकते हैं।
आईपीओ के बाद शेयर कैसे एलॉट किए जाते हैं
मुख्य बातें
- आईपीओ के बाद कंपनी कई बेसिस पर शेयर अलॉट करती है
- इनमें लॉटरी सिस्टम भी शामिल है
- कम सब्सक्रिप्शन पर सबको शेयर मिल जाते हैं
How Shares Are Allotted After IPO: बीते काफी समय से शेयर बाजार (Stock Market) में एक के बाद कई आईपीओ (IPO) आ रहे हैं। दिसंबर में भी कई कंपनियां अपना आईपीओ लाने जा रही हैं। मगर अकसर निवेशकों को आईपीओ में पैसा लगाने के बाद शेयर नहीं मिलते।
फिर जब वही शेयर तगड़े प्रीमियम के साथ लिस्ट होता है तो जिन लोगों को आईपीओ में शेयर नहीं मिलते, उन्हें निराशा होती है। यदि आपके साथ भी ऐसा हुआ तो आज जानिए कि आईपीओ के बाद कोई कंपनी कैसे शेयर बांटती है।
निवेशकों का रेस्पोंस
हर आईपीओ में रिटेल समेत कई कैटेगरियों के लिए कुछ-कुछ शेयर रिजर्व रहते हैं। यदि आईपीओ को कम सब्सक्राइब किया गया है, तो हर निवेशक को उतने शेयर मिल सकते हैं जिनके लिए उन्होंने आवेदन किया। यदि आईपीओ ओवरसब्सक्राइब हो जाता है, तो फिर कंपनी अलग-अलग कैटेगरी देखती है। जैसे कि यदि रिटेल कैटेगरी को कम सब्सक्राइबर किया गया तो उसके बचे हुए शेयर अन्य कैटेगरियों के निवेशकों दिए जा सकते हैं।
यदि अन्य किसी कैटेगरी को कम सब्सक्राइब किया गया है तो बचे हुए रिटेल समेत दूसरी कैटेगरियों को दिए जा सकते हैं।
ओवरसब्सक्रिप्शन पर कैसे मिलते हैं शेयर
जब कोई कैटेगरी (खासकर रिटेल कैटेगरी) को ओवरसब्सक्राइब किया गया है तो निवेशकों को शेयरों का आवंटन दो तीन तरीकों से होता है : -
1. लॉटरी : इसमें कम्प्यूटराइज्ड लॉटरी के तहत निवेशकों शेयर दिए जाते हैं
2. पहले आओ-पहले पाओ : इसमें पहले निवेश करने वालों को शेयर मिलते हैं
3. अनुपातिक आधार : मान लीजिए किसी आईपीओ में 1 लाख शेयर बिकने थे। इसमें 25000 शेयर रिटेल कैटेगरी के थे। मगर रिटेल कैटेगरी में 50000 शेयरों के लिए आवेदन भेजे गए तो कंपनी सभी आवेदन करने वालों को जितने शेयरों के लिए उन्होंने आवेदन किया था, उनके आधे-आधे दे सकती है
4. प्राइस बैंड : अधिकतर आईपीओ में प्राइस बैंड तय होता है, उसमें हमेशा ऊपर वाले भाव पर आवेदन करना चाहिए। यदि इश्यू ओवरसब्सक्राइब हुआ तो अधिक रेट पर बोली लगाने वाले शेयरों को ही पहले शेयर दिए जाएंगे
डिस्क्लेमर : यहां मुख्य तौर पर आईपीओ के बाद शेयरों के अलॉटमेंट की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।
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काशिद हुसैन author
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर व...और देखें
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