सरकार का एक फैसला और 'नहाना-धोना' हो सकता है महंगा ! शैम्पू-साबुन के बढ़ेंगे दाम
सरकार के एक फैसले से शैम्पू, साबुन और डिटर्जेंट की कीमतें बढ़ सकती हैं। अगर ऐसा हुआ तो गृहणियों सहित सभी का बजट बिगड़ेगा, क्योंकि तब नहाना-धोना महंगा हो जाएगा। हालांकि इंडियन सर्फैक्टेंट ग्रुप इसका विरोध कर रहा है।
साबुन-शैम्पू के दाम बढ़ सकते हैं
- शैम्पू-साबुन हो सकते हैं महंगे
- डिटर्जेंट के भी बढ़ सकते हैं दाम
- उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा असर
Soaps, Detergents & Shampoo Price may rise : अगर मेन रॉ मैटेरियल सेचुरेटेड फैटी अल्कोहल पर प्रस्तावित एंटी-डिंपिंग डंपिंग ड्यूटी और काउंटरवेलिंग ड्यूटी लागू की जाती है, तो आपका नहाना-धोना महंगा हो जाएगा। असल में इन नये शुल्कों से साबुन, डिटर्जेंट और शैंपू की कीमतें बढ़ जाएंगी। हालांकि इंडियन सर्फैक्टेंट ग्रुप (आईएसजी) ने इसका विरोध किया है। आईएसजी ने वित्त मंत्री से नये टैरिफ स्ट्रक्चर को लागू न करने का आग्रह किया है।
रोजगार देने की क्षमता पर पड़ेगा असर
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इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार आईएसजी के संयोजक मनोज झा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में कहा है कि इन असाधारण शुल्कों से इंवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर अमल में आ जाएगा और ये यूजर इंडस्ट्री अप्रतिस्पर्धी बनेगी।
नतीजे में सेक्टर की कंपनियों की रोजगार देने की क्षमता में कमी आएगी, क्योंकि उन्हें सर्वाइव करने और प्रोफिटेबल बने रहने के लिए अपने कारोबार को कम करना पड़ सकता है।
महंगाई का दिया हवाला
आईएसजी ने लेटर में कहा है कि तैयार प्रोडक्ट की लागत बढ़ने से वो कम प्रतिस्पर्धी और बाजार में नापसंद हो जाएगा। यह देखते हुए कि भारत में पहले से ही कंज्यूमर इंफ्लेशन की हाई रेट है, किसी भी तरह से कीमतों में वृद्धि उपभोक्ताओं के दर्द को बढ़ाएगी।
दो महीने पहले, कॉमर्स मिनिस्ट्री के तहत आने वाले व्यापार उपचार महानिदेशालय ने इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से सेचुरेटेड फैटी अल्कोहल (एसएफए) के आयात पर अतिरिक्त प्रतिकारी शुल्क के साथ एंटी-डंपिंग शुल्क के लिए हाई रेट की सिफारिश की थी।
इन प्रोडक्ट की कीमतें बढ़ेंगी
प्रस्तावित एंटीडंपिंग डंपिंग शुल्क और काउंटरवेलिंग शुल्क का सोडियम लॉरेथ सल्फेट (एसएलएस) के यूजर्स और उन उत्पादकों पर असर पड़ेगा, जो डिटर्जेंट, शैंपू और अन्य हाइजीन संबंधी प्रोडक्ट मैन्युफैक्चर करते हैं।
कंज्यूमर्स की जेब पर पड़ेगा असर
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स के तहत एसएफए की तुलना में एक फाइनल प्रोडक्ट के रूप में एसएलएस पर 5% शुल्क लगेगा। घड़ी डिटर्जेंट बनाने वाले आरएसपीएल ग्रुप के प्रेसिडेंट सुशील कुमार बाजपेयी के अनुसार कीमतों में फाइनल बढ़ोतरी को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से उत्पादन लागत पर इसका असर पड़ेगा, जिसका बोझ यूजर्स पर पड़ेगा।
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काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें
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