बंटवारे की ओर देश का सबसे पुराना कॉरपोरेट घराना, 1.76 लाख करोड़ का है Godrej का साम्राज्य
Godrej Group Split Update: गोदरेज ग्रुप कई सेक्टरों में कारोबार करता है, जिनमें इंजीनियरिंग, इक्विपमेंट, सिक्योरिटी सॉल्यूशंस, एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स, रियल एस्टेट और कंज्यूमर प्रोडक्ट्स शामिल हैं। इन सभी सेक्टरों में फैले कारोबार का बंटवारा किया जा सकता है।
गोदरेज ग्रुप का बंटवारा
- गोदरेज ग्रुप बंटवारे की कगार पर
- पहले से ही बन गए हैं दो पक्ष
- 1897 में हुई थी शुरुआत
Godrej Group Split Update: 1.76 लाख करोड़ रु की वैल्यूएशन वाले गोदरेज ग्रुप (Godrej Group) की शुरुआत 1897 में हुई थी। अब इस 126 साल पुराने बिजनेस ग्रुप पर बंटवारे की तलवार लटक रही है। गोदरेज ग्रुप की शुरुआत ताले बेचने से हुई थी। इसी ग्रुप ने 1897 में भारत का पहला लीवर टेक्नोलॉजी वाला बनाया था। उस समय बॉम्बे (अब मुंबई) में अपराध बढ़ रहा था।
लोगों की जान-माल की सेफ्टी के मद्देनजर गोदरेज ने शुरू में खास ताले बनाना शुरू किया। ग्रुप की शुरुआत दो भाइयों अर्देशिर गोदरेज (Ardeshir Godrej) और पिरोजशा बुरजोरजी गोदरेज (Pirojsha Burjorji Godrej) ने की थी। समय के साथ ग्रुप ने कई सेक्टरों में कामयाबी हासिल की। मगर अब इस ग्रुप का बंटवारा हो सकता है।
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किन सेक्टरों में फैला है गोदरेज ग्रुप का बिजनेस
आज गोदरेज ग्रुप कई सेक्टरों में कारोबार करता है, जिनमें इंजीनियरिंग, इक्विपमेंट, सिक्योरिटी सॉल्यूशंस, एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स, रियल एस्टेट और कंज्यूमर प्रोडक्ट्स शामिल हैं। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार इन सभी सेक्टरों में फैले कारोबार का बंटवारा किया जा सकता है। हालांकि अभी गोदरेज ग्रुप की तरफ से बंटवारे पर कोई बयान नहीं आया है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टी नहीं करता है।
बन चुके हैं दो ग्रुप
गोदरेज फैमिली में पहले से ही दो बिजनेस ग्रुप बन गए हैं। इनमें गोदरेज इंडस्ट्रीज एंड एसोसिएट्स (Godrej Industries and Associates) को आदि गोदरेज (Adi Godrej) और उनके भाई नादिर गोदरेज (Nadir Godrej) संभालते हैं।
दूसरी तरफ गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (Godrej and Boyce Manufacturing Company) को आदि गोदरेज के कजिन जमशेद गोदरेज (Jamshyd Godrej) और स्मिता गोदरेज (Smita Godrej) संभालते हैं।
किसके पास जाएगा ब्रांड का नाम
गोदरेज फैमिली काउंसिल कुछ महत्वपूर्ण चीजों पर काम कर रही है, जिसमें दो अहम बिंदु शामिल हैं। पहला विभाजन के बाद गोदरेज ब्रांड नाम का उपयोग और उसके लिए संभावित रॉयल्टी का भुगतान और इस समय गोदरेज एंड बॉयस के पास मौजूद जमीन का वैल्यूएशन।
क्या हैं बंटवारे में चुनौतियां
इन्हीं दोनों पक्षों में 3400 एकड़ की जमीन का बंटवारा भी होगा। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार इस जमीन को लेकर कुछ मुद्दे हैं, जिन्हें सुलझाना जरूरी है। ये भी माना जा रहा है कि ग्रुप के सामने बंटवारे की वैल्यूएशन, वित्तीय और कानूनी चुनौतियों भी हैं।
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काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें
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