क्रूड ऑयल पर OPEC ने लिया बड़ा फैसला, क्या दोबारा महंगा होगा पेट्रोल-डीजल?
Crude Oil Price: वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमत में तेजी से भारत में पेट्रोल और डीजल महंगा हो जाता है। फिलहाल दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये पर बिक रहा है।
क्या दिवाली से पहले मिलेगा महंगे पेट्रोल-डीजल का झटका?
नई दिल्ली। तेल निर्यातक देशों का संगठन (ओपेक+) ने एक बड़ा फैसला लिया है। इससे ग्लोबल स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमत (Crude Oil Price) में और बढ़ोतरी हो सकती है, जिसका असर भारत पर देखने को मिल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि देश में पेट्रोल और डीजल के दाम (Petrol Diesel Price) क्रूड ऑयल पर निर्भर हैं। तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक और सहयोगियों, ओपेक प्लस ने कीमतों में तेजी लाने के लिए कच्चे तेल के प्रोडक्शन में बड़ी कटौती करने का फैसला लिया है।
कितना कम होगा क्रूड ऑयल का उत्पादन?
ओपेक का यह फैसला ग्लोबल इकोनॉमी के लिए एक और झटका होगा। मालूम हो कि यह कोविड-19 महामारी (Coronavirus) की शुरुआत के बाद से ओपेक गठजोड़ के वियना मुख्यालय में ऊर्जा मंत्रियों की पहली आमने-सामने बैठक थी। इसमें नवंबर महीने से प्रोडक्शन में हर रोज 20 लाख बैरल की कटौती करने का फैसला किया गया है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
उल्लेखनीय है कि इससे पहले ओपेक प्लस ने पिछले महीने उत्पादन में सांकेतिक कटौती की थी। महामारी के समय में प्रोडक्शन में बड़ी कटौती की गई थी, लेकिन पिछले कुछ महीने से निर्यातक देश उत्पादन में बड़ी कटौती से बच रहे थे। इस संदर्भ में ओपेक प्लस ने अपने बयान में कहा कि क्रूड ऑयल का उत्पादन कम करने का यह फैसला ग्लोबल आर्थिक और कच्चे तेल के बाजार परिदृश्य में अनिश्चितता को देखते हुए लिया गया है।
हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि प्रोडक्शन में कमी से तेल की कीमत और उससे बनने वाले पेट्रोल के दाम पर कोई विशेष असर नहीं पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि OPEC + के सदस्य पहले ही समूह द्वारा तय किए गए 'कोटा' को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। सऊदी अरब ने कहा कि कटौती दुनिया भर में सप्लाई के लगभग 2 फीसदी के बराबर। यह पश्चिम में बढ़ती ब्याज दरों और कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था के जवाब में है।
इतना है कच्चे तेल का दाम
ब्रेंट क्रूड (Brent crude) फ्यूचर्स 46 सेंट या 0.5 फीसदी बढ़कर 93.83 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है, जबकि यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड फ्यूचर्स 45 सेंट, या 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद 88.21 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है।
रूस भी उठा सकता है ये कदम
उल्लेखनीय है कि बुधवार को रूसी उप प्रधान मंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने कहा कि रूस यूक्रेन में मास्को की कार्रवाइयों पर पश्चिम द्वारा लगाए गए मूल्य कैप के प्रभावों को दूर करने के प्रयास में तेल उत्पादन में कटौती कर सकता है।
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