Kharif Acreage: धान-दलहल का रकबा बढ़ा, खरीफ फसल अच्छी होने की उम्मीद, हालांकि नकदी फसलों में गिरावट

Kharif Acreage: धान खेती का रकबा 4.29 प्रतिशत बढ़कर तीन करोड़ 94.2 लाख हेक्टेयर हो गया है। 'अरहर' का रकबा 40.7 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 45.7 लाख हेक्टेयर हो गया। तिलहन की बुवाई का रकबा इस खरीफ सत्र में अबतक मामूली रूप से बढ़कर एक करोड़ 88.3 लाख हेक्टेयर हो गया है।

Kharif Acreage: धान-दलहल का रकबा बढ़ा, खरीफ फसल अच्छी होने की उम्मीद, हालांकि नकदी फसलों में गिरावट

Kharif Acreage: चालू 2024-25 खरीफ (ग्रीष्म) सत्र में अबतक धान खेती का रकबा 4.29 प्रतिशत बढ़कर तीन करोड़ 94.2 लाख हेक्टेयर हो गया है। इसके पहले इसी अवधि में धान खेती का रकबा तीन करोड़ 78 लाख हेक्टेयर था। इसके अलावा, चालू सत्र में 27 अगस्त तक दलहन बुवाई का रकबा बढ़कर एक करोड़ 22.1 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पिछले साल इसी अवधि में एक करोड़ 15.5 लाख हेक्टेयर था। मोटे अनाज और श्री अन्न (बाजरा) का रकबा एक साल पहले की समान अवधि के एक करोड़ 77.5 लाख हेक्टेयर से बढ़कर एक करोड़ 85.5 लाख हेक्टेयर हो गया।

अच्छी फसल की उम्मीद

कृषि मंत्रालाय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मुख्य खरीफ फसल धान की बुवाई जून में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है और अक्टूबर से कटाई होती है।इसके अलावा, चालू सत्र में 27 अगस्त तक दलहन बुवाई का रकबा बढ़कर एक करोड़ 22.1 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पिछले साल इसी अवधि में एक करोड़ 15.5 लाख हेक्टेयर था।

'अरहर' का रकबा 40.7 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 45.7 लाख हेक्टेयर हो गया। अरहर बुवाई का काम पूरा हो चुका है।उड़द की बुवाई का रकबा 29 लाख हेक्टेयर है जबकि इससे पहले यह रकबा 30.8 लाख हेक्टेयर था।

मोटे अनाज और श्री अन्न (बाजरा) का रकबा एक साल पहले की समान अवधि के एक करोड़ 77.5 लाख हेक्टेयर से बढ़कर एक करोड़ 85.5 लाख हेक्टेयर हो गया।मोटे अनाजों में मक्का का रकबा पहले के 81.2 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 87.2 लाख हेक्टेयर हो गया।

तिलहन की बुवाई का रकबा इस खरीफ सत्र में अबतक मामूली रूप से बढ़कर एक करोड़ 88.3 लाख हेक्टेयर हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में एक करोड़ 87.3 लाख हेक्टेयर था।

नकदी फसलों का क्या है हाल

नकदी फसलों में गन्ने की बुवाई का रकबा 57.1 लाख हेक्टेयर से मामूली रूप से बढ़कर 57.6 लाख हेक्टेयर हो गया। कपास का रकबा एक करोड़ 22.7 लाख हेक्टेयर से घटकर एक करोड़ 11.3 लाख हेक्टेयर रह गया, जबकि जूट-मेस्ता का रकबा 6,56,00 हेक्टेयर से घटकर 5,70,000 हेक्टेयर रह गया।सभी खरीफ फसलों की कुल बुवाई का रकबा पिछले वर्ष की समान अवधि के 10 करोड़ 44.8 लाख हेक्टेयर की तुलना में दो प्रतिशत से थोड़ा अधिक बढ़कर 10 करोड़ 65 लाख हेक्टेयर रहा।भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून फिलहाल सक्रिय है और अच्छी प्रगति कर रहा है, तथा विभिन्न क्षेत्रों में पर्याप्त वर्षा दर्ज की गई है।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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