Railway Pantry Service:रेलवे के खाने में क्वॉलिटी की कमी,सफाई से हो रहा है समझौता, संसदीय समिति ने उठाए सवाल
Railway Pantry Service: संसदीय समिति ने कहा है कि खानपान नीति में बार-बार बदलाव और खानपान इकाइयों के प्रबंधन की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी से रेलवे और फिर आईआरसीटीसी को सौंपे जाने से यात्रियों को प्रदान की जाने वाली खानपान सेवाओं के प्रबंधन में अनिश्चितता की स्थिति बन गई।
रेलवे की पेंट्री पर उठे सवाल
Railway Pantry Service:रेलवे खानपान नीति में बार-बार बदलाव और मौजूदा नीति के क्रियान्वयन में अनेक विसंगतियों के कारण खाने की गुणवत्ता, स्वच्छता और साफ-सफाई के साथ समझौता हो रहा है। संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने हाल में लोकसभा में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में यह बात कही।कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति ने रेलवे खानपान नीति और ट्रेनों में खानपान सेवाओं पर इसके प्रभाव का विस्तृत अध्ययन किया।संबंधित खबरें
बार-बार नीति बदलने से नुकसान
‘‘भारतीय रेलवे में खानपान सेवा’’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में पाया गया कि 2005 की नीति में भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) को सौंपी गईं और फिर 2010 की नीति के अनुसार जोनल रेलवे को हस्तांतरित कर दी गईं कई गतिविधियां 2017 की नीति में फिर आईआरसीटीसी को वापस सौंप दी गईं।रिपोर्ट में समिति ने कहा, ‘‘खानपान नीति में बार-बार बदलाव और खानपान इकाइयों के प्रबंधन की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी से रेलवे और फिर आईआरसीटीसी को सौंपे जाने से यात्रियों को प्रदान की जाने वाली खानपान सेवाओं के प्रबंधन में अनिश्चितता की स्थिति बन गई।उसने कहा कि 2017 की खानपान नीति का अध्ययन करते हुए कई विसंगतियां सामने आईं।संबंधित खबरें
भोजन की गुणवत्ता पर समझौतासंबंधित खबरें
इनमें लंबी दूरी की ट्रेनों में पैंट्री का कोई प्रावधान नहीं होना, रेलवे परिसर के बाहर बेस किचन स्थित होना शामिल हैं जिनके परिणामस्वरूप भोजन की गुणवत्ता, स्वच्छता और साफ-सफाई से समझौता होता है, प्लेटफार्मों पर और ट्रेनों में अनधिकृत विक्रेता होते हैं और स्टेशनों तथा ट्रेनों में अनुचित व्यवहार होता है। ट्रेनों में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर चिंता जताते हुए रिपोर्ट में कहा गया कि 2017 की खानपान नीति के अनुसार आईआरसीटीसी को रेलवे परिसरों में बेस किचन स्थापित करने थे ताकि निगरानी हो सके और पकाये जा रहे खाने की स्वच्छता तथा गुणवत्ता नियंत्रित रह सके।उसने कहा कि केवल 16 बेस किचन रेलवे परिसर के अंदर बनाए गए, वहीं 115 रेलवे परिसरों के बाहर थे और उनकी गुणवत्ता जांच नहीं हो पाती।संबंधित खबरें
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