Vijay Shekhar Sharma: RBI की कार्रवाई पर छलका Paytm के फाउंडर का दर्द, बोले - 'और अच्छे से निभा सकते थे जिम्मेदारियां'
Vijay Shekhar Sharma: 2013-14 में शर्मा के पास फंड खत्म हो रहा था और वे अपनी कंपनी के लिए फंडिंग का इंतजाम कर रहे थे। तब उन्हें लगा कि अगर कंपनी खत्म हो गई तो किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मगर आज ये बात उनके लिए काफी मायने रखती है।
विजय शेखर शर्मा
- RBI की कार्रवाई पर आया विजय शर्मा का बयान
- 'और अच्छे से निभा सकते थे जिम्मेदारियां'
- कंपनी है बेटी की तरह
Vijay Shekhar Sharma: कुछ महीने पर RBI ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर कार्रवाई की थी। उसके बाद पेटीएम और पेमेंट्स बैंक के बुरे दिन शुरू हो गए थे, जो अब तक खत्म नहीं हुए हैं। इस बीच पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने आरबीआई की कार्रवाई पर फिर से प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने माना कि आरबीआई का एक्शन उनके लिए व्यक्तिगत तौर पर एक इमोशनल झटका था। वहीं उन्होंने कहा कि उसके बाद उन्हें अपनी प्रोफेशनल जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके निभाने का सबक भी मिला। उन्होंने स्वीकार किया कि उन पर जो जिम्मेदारियां थीं वे उन्हें और अच्छे तरीके से निभा सकते थे। दरअसल आरबीआई ने मर्चेंट्स, कस्टमर अकाउंट, वॉलेट और फास्टैग में डिपॉजिट, क्रेडिट ट्रांजेक्शन या टॉप-अप स्वीकार करने से पेटीएम पेमेंट्स को रोक दिया था।
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कंपनी को मानते हैं बेटी
2013-14 में शर्मा के पास फंड खत्म हो रहा था और वे अपनी कंपनी के लिए फंडिंग का इंतजाम कर रहे थे। तब उन्हें लगा कि अगर कंपनी खत्म हो गई तो किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मगर आज ये बात उनके लिए काफी मायने रखती है।
वे बतौर एक फाउंडर कंपनी को बेटी मानते हैं। ये उनके लिए एक इमोशनल एहसास है।
सरकार की प्रशंसा में क्या कहा
विजय शेखर शर्मा ने ये भी कहा कि स्टार्टअप को मेनस्ट्रीम में लाकर इस सेक्टर के लिए सरकार ने गोल्डन पीरियड शुरू किया है। ये एक बड़ा बदलाव है जो जब कोई स्टार्टअप को बतौर करियर की तरह लेने में सबसे लास्ट ऑप्शन रखता था।
उनका मानना है कि लोग नौकरी के लिए विदेश जाना, विदेशी आईटी कंपनियों के अलावा बड़ी घरेलू टेक फर्मों में नौकरी हासिल करने की उम्मीद और इसे ही पसंद करते थे। मगर अब भारत उस समय से काफी आगे आ गया है।
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