कभी Jio ने बढ़ाया था मदद का हाथ, अब मुकेश अंबानी से इस अरबपति की सीधी टक्कर

Paytm-Jio Financial Competition: जियो फाइनेंशियल डिजिटल लेंडिंग (डिजिल तरीके से लोन देना) सेगमेंट में अपना बेस बढ़ाएगी। पिछले साल रिलायंस ने कहा था कि यह अपनी रिलायंस स्ट्रेटेजिक इनवेस्टमेंट्स को अलग करेगी और इसे Jio Financial Services नाम दिया जाएगा।

Paytm-Jio Financial Competition

डिजिटल लेंडिंग सेगमेंट में टक्कर

मुख्य बातें
  • जियो फाइनेंशियल का होगा पेटीएम से मुकाबला
  • डिजिटल लेंडिंग सेगमेंट में होगी टक्कर
  • कभी जियो ने बढ़ाया था मदद का हाथ

Paytm-Jio Financial Competition: रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी के मुताबिक जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) को अलग करने के लिए जरूरी एप्रूवल लिए जा रहे हैं। अंबानी के अनुसार जियो फाइनेंशियल भारत में फाइनेंशियल इनक्लूजन को बढ़ाने में मदद करेगी। फाइनेंशियल इनक्लूजन यानी उन लोगों को बैंकिंग सर्विसेज के दायरे में लाना, जो अभी तक इन सेवाओं से दूर हैं। जियो फाइनेंशियल की टक्कर पेटीएम (Paytm) से मानी जा रही है, जिसके फाउंडर विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) को एक समय रिलायंस की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने मदद ऑफर की थी। कैसे हो सकती है जियो फाइनेंशियल और पेटीएम की टक्कर और क्यों जियो ने बढ़ाया था मदद का हाथ, आगे जानिए।

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पेटीएम के नतीजे

पेटीएम ने जून तिमाही में 2,341 करोड़ रु की इनकम हासिल की, जो पिछले साल की समान तिमाही से 39.4% अधिक रही। वहीं इसका घाटा पिछली साल की समान तिमाही में 645 करोड़ रु से 45 फीसदी कम होकर 358 करोड़ रु रह गया।

इस तिमाही में, पेटीएम का लोन डिस्ट्रिब्यूशन बिजनेस 14,845 करोड़ रु के डिस्बर्समेंट के साथ 167 फीसदी बढ़ गया। साल-दर-साल 51 फीसदी की वृद्धि के साथ डिस्ट्रिब्यूट किए गए लोन की संख्या 1.28 करोड़ रही। पर अब डिजिटल लेंडिंग में इसकी टक्कर सीधे जियो फाइनेंशियल से हो सकती है।

डिजिटल लेंडिंग सेगमेंट में टक्कर

जियो फाइनेंशियल डिजिटल लेंडिंग (डिजिल तरीके से लोन देना) सेगमेंट में अपना बेस बढ़ाएगी। पिछले साल रिलायंस ने कहा था कि यह अपनी रिलायंस स्ट्रेटेजिक इनवेस्टमेंट्स को अलग करेगी और इसे Jio Financial Services नाम दिया जाएगा।

यह कंपनी मुख्य रूप से एनबीएफसी मार्केट और क्रेडिट मार्केट सेगमेंट में ऑपरेट करती है। अब इसका इंश्योरेंस, डिजिटल पेमेंट और एसेट मैनेजमेंट वर्टिकल्स में भी उतरने का प्लान है।

सबकुछ कोई एक हासिल नहीं कर सकता

हालांकि रिलायंस जियो के लोन बिजनेस में एंट्री पर 8200 करोड़ रु की नेटवर्थ वाले विजय शेखर शर्मा ने एनालिस्ट कॉल के दौरान कहा कि ये कई और कंपनियों की मौजूदगी वाला एक बड़ा बाजार है। शर्मा का मानना है कि देश में ये सेगमेंट अंडरसर्व्ड है। यानी अभी सभी लोगों को सर्विसेज नहीं दी जा रहीं।

ऐसे में कई अन्य बड़ी कंपनियों के पास भी अवसर हैं। उनका कहना है कि एक साथ मार्केट में काम करने और ग्रोथ हासिल करने के भी मौके हैं। शर्मा के अनुसार कोई एक विजेता सबकुछ ले जाए ऐसा कोई नहीं है।

एयरटेल से थी शिकायत

पिछले साल अक्टूबर में शर्मा ने एक ट्वीट में एयरटेल को टैग कर कहा था कि Google Pixel 6a भी दिल्ली में 5G नेटवर्क ऑप्शन नहीं दिखा रहा है। सभी चीजें अपग्रेड हो गईं। उन्होंने वो फ़ोन केवल 5G का उपयोग करने के लिए खरीदा था।

तब किसी ने उनके ट्वीट पर उन्हें जियो यूज करने को कहा था।

जियो ने बढ़ाया था मदद का हाथ

जियो केयर (Jio Care) ने ट्वीट कर कहा था कि विजय, आप हमारी सेवाएँ क्यों नहीं आज़माते? आपको आगे की सहायता के लिए हमें वह नंबर, जिसे आप पोर्ट करना चाहते हैं, पूरा नाम, ईमेल आईडी और पिन कोड के साथ लोकेशन डीएम करनी होगी।

यही वो समय था जब जियो ने पेटीएम फाउंडर की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया था और आज मुकेश अंबानी पेटीएम से डिजिटल लेंडिंग सेगमेंट में मुकाबला करने के लिए तैयार हैं।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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