Paytm Lay off: पेटीएम में 1,000 से ज्यादा कर्मचारियों की हुई छंटनी, अपने बिजनेस व्यवस्थित करने में लगी है फर्म
Paytm Lay off: लोगों को नौकरी से निकालकर फर्म लागत में कटौती करना चाह रही है। वह अपने कई बिजनेस को फिर से व्यवस्थित कर रही है।
बाय नाउ, पे लेटर सेगमेंट से हटने के बाद Paytm ने उठाया है ये कदम।
Paytm Lay off: पेटीएम (Paytm)की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस (One 97 Communications) ने कई यूनिट्स में 1,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की है। ईटी के मुताबिक लोगों को नौकरी से निकालकर फर्म लागत में कटौती करना चाह रही है। वह अपने कई बिजनेस को फिर से व्यवस्थित कर रही है। पिछले कुछ महीनों में नौकरी में यह कटौती हुई है। इस कदम से कुल कर्मचारियों की संख्या का कम से कम 10% प्रभावित होने की संभावना है। पेटीएम ने यह कदम आरबीआई द्वारा असुरक्षित ऋणों पर सख्ती और 'अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें' (बाय नाउ, पे लेटर) सेगमेंट से हटने के बाद उठाया है।
पेटीएम पोस्टपेड के तहत, विजय शेखर शर्मा द्वारा स्थापित कंपनी ने 50,000 रुपये से कम के ऋण वितरित किए। लेकिन रेगुलटरी बॉडी द्वारा नियम बदलने के साथ, यह अब मनी मैनेजमेंट और बीमा ब्रोकिंग में आक्रामक रूप से आगे बढ़ रहा है। 7 दिसंबर को पेटीएम के स्टॉक में 20% की गिरावट के साथ निचला सर्किट लग गया, जिसके एक दिन बाद कंपनी ने कहा कि वह पेटीएम पोस्टपेड से बाहर निकल जाएगी और नए कदम उठाएगी।
दूसरी तिमाही में कम हुआ घाटा
पेटीएम जल्द मुनाफ़ा कमाने के लिए 50,000 और सेल्सपर्सन को नियुक्त करना चाहता है। पेटीएम खर्चों को कम करने पर फोकस कर रहा है, कंपनी के प्रवक्ता ने ईटी को बताया कि फिनटेक फर्म के पास सितंबर के अंत तक लगभग 8,754 करोड़ रुपये की नकदी शेष थी। पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 का दूसरी तिमाही में घाटा कम होकर 291.7 करोड़ रुपये रहा। पेटीएम ने हाल ही में अपने ऋण और भुगतान प्रमुख भावेश गुप्ता को कंपनी का अध्यक्ष नियुक्त किया है, क्योंकि वह राजस्व स्रोतों में विविधता लाना चाहते है। वह पेटीएम मनी पर भी ध्यान दे रहे हैं क्योंकि धन प्रबंधन एक मजबूत राजस्व पैदा करने वाला बिजनेस है। वर्तमान में, पेटीएम अपने कुल राजस्व का लगभग 83% भुगतान और वित्तीय सेवाओं से प्राप्त करता है, जो कि ज्यादातर क्रेडिट है।
कई फर्मों में हुई छंटनी
इस साल की यह नए जमाने की कई भारतीय टेक फर्म द्वारा लागू की गई सबसे तेज नौकरी कटौती में से एक होगी। ईटी के मुताबिक, नई अर्थव्यवस्था वाली कंपनियों ने 2023 की पहली तीन तिमाहियों में 28,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की है। जबकि 2022 में यह आंकड़ा 20,000 से अधिक था वहीं 2021 में 4,080 कर्मचारियों को निकाला गया था।
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आशीष कुशवाहा author
आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesn...और देखें
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