आलू चिप्स बेचने वाले ने लड़ा सहारा मामले में केस,जानें कौन हैं 25 हजार कमाने वाले मोहंती

Pinak pani mohanty who filed case against Sahara: पिनाक पानी मोहंती के अनुसार वह सालाना 3.15 लाख रुपये कमाते हैं। और एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति के लिए यह लड़ाई लड़ना आसान नहीं था। लेकिन दोस्तों के सहयोग से ऐसा हो सका। अब तक इस पर याचिका पर उनके 4.80 लाख से ज्यादा पैसे खर्च हो चुके हैं।

Sahara Case and pinak pani mohanti

फाइल फोटो: सहारा के निवेशकों के लौटाए जाएंगे 5000 करोड़

Pinak pani mohanty who filed case against Sahara: बीते 29 मार्च 2023 को जब सुप्रीम कोर्ट ने सहारा और सेबी ग्रुप को निवेशकों के डूबे पैसे लौटाने का फैसला सुनाया है। तो यह उस शख्स की लंबी लड़ाई का परिणाम था, जो हर महीने महज 25 हजार रुपये कमाता है और आलू के चिप्स बेचकर अपनी आजिविका चलता है। उड़ीसा के पिनाक पानी मोहंती ने वह कर दिखाया जिसकी उम्मीद सहारा के लाखों निवेशक छोड़ चुके थे।

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सहारा के उन करोड़ों निवेशकों के लिए राहत की बड़ी उम्मीद थी। जो अपनी गाढ़ी कमाई वापस पाने का इंतजार कर रहे थे। कोर्ट के आदेश के बाद अब सेबी के पास पड़े 25 हजार करोड़ में से 5000 करोड़ रुपये निवेशकों को लौटाए जाएंगे।

कौन हैं पीनाक मोहन मोहंती

पीनाक पानी मोहंती ने अपने संघर्ष को इकोनॉमिक टाइम्स से साझा करते हुए बताया कि वह कटक में आलू चिप्स की सप्लाई का बिजनेस करते हैं। साल 2014-15 से पोंजी स्कीम में निवेशकों की दुर्दशा को देख रहे है। और उस पर वह लगातार नजर रख रहे थे। मोहंती के अनुसार वह सालाना 3.15 लाख रुपये कमाते हैं। और एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति के लिए यह लड़ाई लड़ना आसान नहीं था। लेकिन दोस्तों के सहयोग से ऐसा हो सका। अब तक इस पर याचिका पर उनके 4.80 लाख से ज्यादा पैसे खर्च हो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि मेरा अनुरोध सहारा समूह की चार सहकारी समितियों की सीबीआई जांच की मांग करने का था। मैं उम्मीद नहीं कर रहा था कि सरकार इस तरह से हस्तक्षेप करेगी और अदालत सहारा निवेशकों के लिए इतनी राशि देने का आदेश जारी करेगा।

मोहंती के अनुसार वह और उनके सामाजिक कार्यकर्ता दोस्तों ने 2015 से कुल 44 कंपनियों के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने का काम किया है। इसमें सहारा से लेकर रोज वैली, शारदा और सीशोर जैसी चिटफंड कंपनियां शामिल हैं। मोहंती एक भाजपा कार्यकर्ता भी है। और उन्होंने जनवरी 2022 में सहारा मामले को लेकर जनहित याचिका दायर की थी।

क्या है मामला

पूरा मामला साल 2009 में सहारा के OFCD के समय शुरु हुआ था। सहारा समूह ने उस वक्त OFCD के जरिए 24 हजार करोड़ रुपये जुटाए थे। लेकिन बाद में यह मामला सामने आया कि सहारा ने गलत तरीकों से निवेशकों से रकम जुटाई। इस पूरे मामले में सहारा की दो कंपनियां सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन जुड़ी हुईं थी। धांधली सामने आने के बाद सेबी ने सहारा से निवेशकों को उनका पैसा 15 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने को कहा था।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2012 में सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) को निवेशकों का पैसा लौटाने का निर्देश देने के बाद एस्क्रो अकाउंट खोले गए थे। इसके तहत 25075 हजार करोड़ रुपये जमा है। केंद्र सरकार ने पिनाक मोहन मोहंती की जनहित याचिका पर, एस्क्रो अकाउंट में जमा पैसों को निवेशकों को जारी करने की सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 5000 करोड़ रुपये लौटाने के आदेश दिए है। यह पैसा 9 महीने में एक न्यायधीश की निगरानी में लौटाया जाना है।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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