हरियाणा में पिंक बॉलवर्म का खतरा, कपास के उत्पादन में हो सकती है कमी

Pink Bollworm in Haryana may Impact Cotton Production: अक्टूबर 2023 के लिए कुल सप्लाई 54.74 लाख गांठ होने का अनुमान है, जिसमें 24.34 लाख गांठ की आवक, 1.50 लाख गांठ का आयात और सीएआई द्वारा अनुमानित 28.90 लाख गांठ का शुरुआती स्टॉक शामिल है।

Cotton Production

हरियाणा में पिंक बॉलवर्म संक्रमण के कारण फसल को नुकसान हुआ है। (संकेतिक तस्वीर)

Pink Bollworm in Haryana may Impact Cotton Production: कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने अपने कपास उत्पादन के अनुमान में मामूली कटौती की है। यह उत्पादन वर्तमान सीजन (अक्टूबर 2023-सितंबर 2024) के लिए 294.10 लाख गांठ (प्रत्येक 170 किलोग्राम) होगा। यह अनुमान पहले के 295.10 लाख गांठ और पिछले सीजन में 311.63 लाख गांठ के अनुमान के कम है।

निर्यात और आयात का अनुमान

बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2023 के लिए कुल सप्लाई 54.74 लाख गांठ होने का अनुमान है, जिसमें 24.34 लाख गांठ की आवक, 1.50 लाख गांठ का आयात और सीएआई द्वारा अनुमानित 28.90 लाख गांठ का शुरुआती स्टॉक शामिल है। सीएआई ने अपने उपभोग अनुमान को 311 लाख गांठ पर बरकरार रखा है, साथ ही निर्यात का अनुमान 14 लाख गांठ (पिछले सीजन में 16.27 लाख गांठ) और आयात का अनुमान 22 लाख गांठ (पिछले सीजन में 12.5 लाख गांठ) पर बरकरार रखा है। पिछले सीजन में भी खपत 311 लाख गांठ आंकी गई थी।

पिंक बॉलवर्म संक्रमण के कारण फसल को नुकसान

रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में पिंक बॉलवर्म संक्रमण के कारण फसल को नुकसान हुआ है और किसानों द्वारा पौधे उखाड़ने की रिपोर्ट के बाद उत्पादन में एक लाख गांठ की कटौती की गई है। सीएआई के अनुसार, उत्तरी भारत, जिसमें पंजाब, हरियाणा और राजस्थान शामिल हैं, में उत्पादन 41.66 लाख गांठ के मुकाबले 40.66 लाख गांठ होने का अनुमान है। ऊपरी राजस्थान में उत्पादन सात लाख गांठ कम हो गया है, जबकि पंजाब, निचले राजस्थान और हरियाणा में अधिक उत्पादन की सूचना है।

किन राज्य में पड़ा प्रभाव

मध्य भारत में, जिसमें गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश शामिल हैं, उत्पादन 175.65 लाख गांठ (पिछले सीजन में 190.67 लाख गांठ) होने का अनुमान है। मुख्य रूप से मौसम की खराबी के कारण तीनों राज्यों में फसल प्रभावित हुई है। दक्षिणी भारत में, उत्पादन 65.60 लाख गांठ (72.95 लाख गांठ) होने का अनुमान है, जबकि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में फसल कम होगी। हालाँकि, तमिलनाडु में यह 6.36 लाख गांठ (5.31 लाख गांठ) से अधिक है। ओडिशा और अन्य राज्यों में भी फसल कम होने का अनुमान लगाया गया है।
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