PLI Scheme:टेलीकॉम सेक्टर को पीएलआई से बड़ा बूस्ट, बिक्री 50000 करोड़ के पार, व्यापार घाटा हुआ कम

PLI Scheme In Telecom Sector: पीएलआई स्कीम का टेलीकॉम सेक्टर को बड़ा फायदा मिला है। देश में मोबाइल और उससे जुड़े उपकरणों का उत्पादन बढ़ने से से टेलीकॉम उपकरणों की बिक्री 50,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई है। और स्कीम के तहत करीब 3,400 करोड़ रुपये का निवेश आया है।

PLI Scheme For Smartphone Production

पीएलआई स्कीम इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग

PLI Scheme In Telecom Sector:प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम के तहत घरेलू स्तर पर बने टेलीकॉम उपकरणों की बिक्री 50,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई है। इससे 17,800 प्रत्यक्ष नौकरियां और कई अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा हुई हैं। बुधवार को सरकार ने यह जानकारी दी है। टेलीकॉम मंत्रालय की ओर से कहा गया कि टेलीकॉम क्षेत्र में पीएलआई स्कीम को शुरू हुए करीब तीन वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस दौरान करीब 3,400 करोड़ रुपये का निवेश इस सेक्टर में आया है। 50,000 करोड़ रुपये की कुल बिक्री में से 10,500 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया है। ।

टेलीकॉम सेक्टर का व्यापार घाटा गिरा

सरकार के अनुसार पिछले पांच वर्षों में टेलीकॉम सेक्टर में व्यापार घाटा (टेलीकॉम उपकरण और मोबाइल मिलाकर) 68,000 करोड़ रुपये से घटकर 4,000 करोड़ रुपये रह गया है। इस दौरान टेलीकॉम क्षेत्र के आयात-निर्यात के बीच अंतर भी कम हुआ है। वित्त वर्ष 2023-24 में टेलीकॉम उपकरण और मोबाइल मिलाकर 1.49 लाख करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है, जबकि इस दौरान 1.53 लाख करोड़ रुपये का आयात हुआ है। सरकार का दावा है कि पीएलआई स्कीम के जरिए इस सेक्टर में निवेश आ रहा है और टेक्नोलॉजी में सुधार हो रहा है। इस दौरान पीएलआई का फायदा लेने वाली टेलीकॉम और नेटवर्किंग कंपनियों की बिक्री में वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले वित्त वर्ष 2023-24 में 370 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

आयात में भारी गिरावट

सरकार के अनुसार साल 2014-15 में भारत को बड़े मोबाइल आयातकों में गिना जाता था और केवल 5.8 लाख यूनिट्स का ही उत्पादन किया जाता था और 21 करोड़ यूनिट्स आयात किए जाते थे।वित्त वर्ष 2023-24 में 33 करोड़ यूनिट्स का उत्पादन किया गया है, जबकि केवल 0.3 करोड़ यूनिट्स का ही आयात किया गया है। वहीं, 5 करोड़ यूनिट्स का निर्यात किया गया है। 2014-15 में भारत का मोबाइल एक्सपोर्ट 1,556 करोड़ रुपये और 2017-18 में 1,367 करोड़ रुपये था, जो कि अब 2023-24 में बढ़कर 1,28,982 करोड़ रुपये हो गया है। इसी तरह साल 2014-15 में 48,609 करोड़ रुपये के मोबाइल फोन का आयात होता था, जो कि 2023-24 में 7,665 करोड़ रुपये पर आ गया है।
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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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