PMI Manufacturing: PMI मैन्युफैक्चरिंग सूचकांक 18 महीने के निचले स्तर पर, फिर भी कारोबारी क्यों पॉजीटिव
PMI Manufacturing: भारत के विनिर्माण क्षेत्र का विस्तार दिसंबर में भी जारी रहा। हालांकि, पिछले महीने वृद्धि की रफ्तार धीमी रही। उत्पादन और नए ऑर्डर दोनों की वृद्धि में नरमी आई है। इसके बावजूद नवंबर से भविष्य का उत्पादन सूचकांक बढ़ा है।वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ने के बावजूद क्षेत्र ने दिसंबर में मजबूत विस्तार दर्ज किया है।
दिसंबर में मैन्युफैक्चरिंग घटी
कारोबारी माहौल क्यों अच्छा
एचएसबीसी इंडिया के विनिर्माण पीएमआई सर्वेक्षण से पता चलता है कि फैक्ट्री ऑर्डर और प्रोडक्शन में कम बढ़ोतरी हुई। हालांकि, आगामी वर्ष के लिए कारोबारी भरोसा मजबूत हुआ है। यह सर्वेक्षण एसएंडपी ग्लोबल द्वारा किया गया है। पीएमआई की भाषा में 50 से ऊपर का मतलब विस्तार से है। वहीं 50 से कम का आंकड़ा संकुचन को दर्शाता है। एचएसबीसी की भारत में मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा कि भारत के विनिर्माण क्षेत्र का विस्तार दिसंबर में भी जारी रहा। हालांकि, पिछले महीने वृद्धि की रफ्तार धीमी रही। उत्पादन और नए ऑर्डर दोनों की वृद्धि में नरमी आई है। हालांकि, नवंबर से भविष्य का उत्पादन सूचकांक बढ़ा है।वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ने के बावजूद क्षेत्र ने दिसंबर में मजबूत विस्तार दर्ज किया है।
पैनल में शामिल विश्लेषकों का कहना है कि अनुकूल बाजार परिस्थितियों, मेलों और प्रदर्शनियों की वजह से दिसंबर में विनिर्माण उत्पादन बढ़ा है। दिसंबर के आंकड़ों से पता चलता है कि देश में वस्तुओं के उत्पादकों की अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर प्राप्तियों में बढ़ोतरी हुई है।सर्वेक्षण कहता है कि कंपनियों को एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और उत्तरी अमेरिका से उल्लेखनीय लाभ मिला है।
उत्पादन लागत कितनी बढ़ी
एसएंडपी ग्लोबल ने एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई करीब 400 विनिर्माताओं के खरीद प्रबंधकों को भेजी प्रश्नावली के जवाब के आधार पर तैयार किया है।मूल्य के मोर्चे पर बात की जाए, तो उत्पादन लागत की वृद्धि पिछले लगभग साढ़े तीन साल में दूसरी सबसे कम दर से बढ़ी है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि आगामी साल के उत्पादन परिदृश्य को देखा जाए, तो भारतीय मैन्युफैक्चर्स तीन माह के लिए काफी उत्साहित हैं। विज्ञापन, बेहतर ग्राहक संपर्क और नई पूछताछ की वजह से दिसंबर में कारोबारी भरोसा बढ़ा है।
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