PMI Manufacturing: 5 महीने के टॉप पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, निर्यात ऑर्डर का मिला फायदा

PMI Manufacturing Index: र्वेक्षण के मुताबिक, फरवरी महीने में उत्पादन पांच महीनों में सबसे तेज गति से बढ़ा और पिछले सितंबर के बाद से बिक्री में सबसे तेज वृद्धि हुई और निर्यात ऑर्डर में भी 21 महीनों का सबसे मजबूत विस्तार हुआ।

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निर्यात में तेजी

PMI Manufacturing Index:फैक्ट्री उत्पादन और बिक्री में तेज बढ़ोतरी के बीच फरवरी में भारत की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि पांच महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी, जिसमें घरेलू और बाहरी मांगों की अहम भूमिका रही।शुक्रवार को जारी मासिक सर्वेक्षण से देश का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बेहतर होने की तस्वीर सामने आई। यह सितंबर, 2023 के बाद मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सबसे अच्छी स्थिति की ओर इशारा करता है। 'एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक' (पीएमआई) फरवरी में बढ़कर 56.9 हो गया जबकि जनवरी में यह 56.5 था।

क्या है मतलब

इस सर्वेक्षण के मुताबिक, फरवरी महीने में उत्पादन पांच महीनों में सबसे तेज गति से बढ़ा और पिछले सितंबर के बाद से बिक्री में सबसे तेज वृद्धि हुई और निर्यात ऑर्डर में भी 21 महीनों का सबसे मजबूत विस्तार हुआ।एचएसबीसी की अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, "पीएमआई आंकड़ों से संकेत मिलता है कि घरेलू और बाहरी दोनों मांग से समर्थित उत्पादन वृद्धि मजबूत बनी हुई है।वृद्धि की रफ्तार तेज होने के बावजूद भारत में विनिर्माण क्षेत्र के रोजगार में थोड़ा बदलाव आया है। सर्वेक्षण के मुताबिक, वस्तुओं के उत्पादकों ने बताया कि काम पर रखे गए कर्मचारियों की संख्या वर्तमान जरूरतों के लिए पर्याप्त थी।पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है।

क्रय लागत महंगाई 43 महीने के निचले स्तर पर

मुद्रास्फीति के मोर्चे पर क्रय लागत मुद्रास्फीति 43 महीने के निचले स्तर पर आ गई, जिसकी वजह से बिक्री शुल्क कुछ हद तक बढ़ गया। कच्चे माल की लागत में साढ़े तीन साल में सबसे धीमी वृद्धि देखी गई। इससे विनिर्माण कंपनियों के मार्जिन में सुधार हुआ।मजबूत घरेलू मांग के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोप, इंडोनेशिया, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात से मांग वृद्धि होने से नए निर्यात ऑर्डर लगभग दो वर्षों में सबसे तेजी से बढ़े।सर्वेक्षण के मुताबिक, विनिर्माण कंपनियों ने अधिक उत्पादन जरूरतों, बिक्री में निरंतर वृद्धि और स्टॉक बनाने के लिए खरीद बढ़ाई। मांग बढ़ने के बीच विनिर्माताओं ने आगे भी तेजी का अनुमान जताया है।
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