PMI Services: नए ऑर्डर और निर्यात में तेजी सर्विस सेक्टर में बूम, जून में PMI इंडेक्स बढ़ा
PMI Services Index: अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर में भी रिकॉर्ड वृद्धि हुई। विदेशों में एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, लैटिन अमेरिका, पश्चिम एशिया और अमेरिका से नए अवसर मिले है। इस बीच, एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स जून में 60.9 रहा जो मई में 60.5 था।
सर्विस सेक्टर में तेजी
PMI Services Index:नए ऑर्डर में मजबूत बढ़ोतरी और अंतरराष्ट्रीय मांग में अभूतपूर्व विस्तार के बीच भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि जून में तेजी से बढ़ी है। इसके पहले मई में यह पांच महीने के निचले स्तर पर थी। एचएसबीसी इंडिया भारत सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक जून में बढ़कर 60.5 हो गया जो मई 60.2 था। यह बढ़ोतरी उत्पादन में तेज विस्तार की ओर इशारा करती है। इस तेजी का असर यह हुआ है कि सेवा कंपनियों को अगस्त 2022 के बाद से सबसे तेज गति से अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई है।
क्यों बढ़ी डिमांड
एचएसबीसी इंडिया भारत सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक पर एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) प्रांजुल भंडारी ने कहा कि भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां जून में तेज हुईं। सूचकांक 0.3 पीपीटी (प्रतिशत बिंदु) बढ़कर 60.5 हो गया। इसकी मुख्य वजह घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए ऑर्डर में बढ़ोतरी रही। इसने सेवा कंपनियों को अगस्त 2022 के बाद से सबसे तेज गति से अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
मजबूत मांग और नए कारोबार की बढ़ती आमद को वृद्धि के प्रमुख निर्धारकों के कारण जून में भारतीय सेवा प्रदाताओं को मिलने वाले नए ऑर्डर में वृद्धि जारी रही, जिससे विस्तार का मौजूदा क्रम करीब तीन वर्षों तक बढ़ गया। खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से होता है।
इन देशों से मांग
रिपोर्ट के अनुसार अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर में भी रिकॉर्ड वृद्धि हुई। विदेशों में एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, लैटिन अमेरिका, पश्चिम एशिया और अमेरिका से नए अवसर मिले है। इस बीच, एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स जून में 60.9 रहा जो मई में 60.5 था। भंडारी ने बताया कि जून में समग्र पीएमआई में भी तेजी आई, जिसमें अधिक नए ठेकों का मिलना प्रमुख वजह रही। सेवा कंपनियों की तुलना में विनिर्माण कंपनियों ने विस्तार में अधिक योगदान दिया।सर्वेक्षण में कहा गया कि निजी क्षेत्र में रोजगार में तीव्र वृद्धि हुई है। यह वृद्धि दिसंबर 2005 के बाद से सबसे तेज में से एक है।
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प्रशांत श्रीवास्तव author
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