PMI सर्विसेज 13 साल के टॉप पर, एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका से अच्छी डिमांड

PMI Services At 13 Year High: सर्विसेज PMI का बेहतर प्रदर्शन करना भारतीय इकोनॉमी की मजबूती का संकेत है। पीएमआई में करीब 400 सर्विसेज कंपनियों के रिस्पॉन्स पर सूचकांक तैयार किया जाता है।इसमें नान-रिटेल सर्विसेज, कम्यूनिकेशन, इंफॉर्मेशन, ट्रांसपोर्ट, फाइनेंस, इंश्योरेंस, रियल एस्टेट आदि से जुड़ी कंपनियां शामिल होती हैं।

PMI SERVICES

सर्विस सेक्टर का दमदार प्रदर्शन

PMI Services At 13 Year High:मजबूत मांग के बीच नए बिजनेस में तेज बढ़ोतरी के कारण भारत में सेवा क्षेत्र की ग्रोथ सितंबर में 13 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इसके अलावा बिजनेस सेंटीमेंट सुधरने के नौकरियों की संख्या में पॉजीटिव संकेत हैं। S&P ग्लोबल इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अगस्त में 60.1 से बढ़कर सितंबर में 61 हो गया, जो उत्पादन में तेज बढ़ोतरी का है। ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि भारत की सर्विसेज कंपनियों के साथ नए कारोबार में पर्याप्त वृद्धि हुई है, जो कि जून 2010 के बाद से दूसरी सबसे तेज बढ़ोतरी हुई है। कंपनियों को विशेष रूप से एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका स्थित ग्राहकों से अच्छी डिमांड मिली है।

इकोनॉमी के लिए अच्छे संकेत

सर्विसेज PMI का बेहतर प्रदर्शन करना भारतीय इकोनॉमी की मजबूती का संकेत है। पीएमआई में करीब 400 सर्विसेज कंपनियों के रिस्पॉन्स पर सूचकांक तैयार किया जाता है।इसमें नान-रिटेल सर्विसेज, कम्यूनिकेशन, इंफॉर्मेशन, ट्रांसपोर्ट, फाइनेंस, इंश्योरेंस, रियल एस्टेट आदि से जुड़ी कंपनियां शामिल होती हैं। पीएमआई के मानक में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार होना है। यदि यह 50 से नीचे है, तो इसका मतलब गतिविधियों के कॉन्ट्रैक्शन से होता है। एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पोलियाना डी लीमा ने कहा है कि पीएमआई नतीजे भारत की सर्विस इकोनॉमी के लिए और अधिक पॉजीटिव खबरें लेकर आए हैं।

मैन्युफैक्चरिंग का क्या है हाल

इसके पहले सितंबर महीने में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां पांच महीने के निचले स्तर पर आ गई हैं। नए ऑर्डर में गिरावट से उत्पादन वृद्धि में कमी आई। इस कारण मैन्युफैक्चरिंग PMI सूचकांक सितंबर में गिरकर 57.5 पर आ गया, जो अगस्त में 58.6 था। हालांकि अच्छी बात यह है कि गिरावट के बावजूद सूचकांक यहां भी 50 के स्तर से उपर बना हुआ है। इसका मतलब यह है कि आर्थिक गतिविधियों को लेकर पॉजिटिव संकेत हैं। और भारतीय इकोनॉमी ग्रोथ के ट्रैक पर है।

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