GST : जीएसटी से गरीब तबके को मिला फायदा, कोऑपरेटिव फेडरलिज्म की झलक- वित्त मंत्री

GST FM Nirmala Sitharaman: सीतारमण ने कहा कि जीएसटी के तहत कई आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी-पूर्व दरों की तुलना में कम दर से कर लगाया गया है। बालों के तेल और साबुन जैसी वस्तुओं पर कर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया।इसी तरह, बिजली उपकरणों पर 12 प्रतिशत कर लगाया जा रहा है जबकि पूर्व में यह 31.5 प्रतिशत था।

निर्मला सीतारमण

GST FM Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करते समय‘गरीब-समर्थक रुख’ अपनाया और कर की कम दरों के बावजूद सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के प्रतिशत के रूप में राजस्व जीएसटी-पूर्व स्तर तक पहुंच गया है।सीतारमण ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि जीएसटी में शामिल किये गये करों से वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक संयुक्त रूप से राज्यों का राजस्व 37.5 लाख करोड़ रुपये होता। जीएसटी के साथ, राज्यों को वास्तविक रूप से 46.56 लाख करोड़ रुपये का राजस्व हुआ।

आम लोगों की वस्तुओ पर घटा टैक्स- वित्त मंत्री

सीतारमण ने कहा कि जीएसटी के तहत कई आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी-पूर्व दरों की तुलना में कम दर से कर लगाया गया है। बालों के तेल और साबुन जैसी वस्तुओं पर कर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया।इसी तरह, बिजली उपकरणों पर 12 प्रतिशत कर लगाया जा रहा है जबकि पूर्व में यह 31.5 प्रतिशत था। सिनेमा के टिकटों पर भी कर की दर कम हुई है।उन्होंने कहा कि 2017 से कर दर को और तर्कसंगत बनाया गया है।

जीएसटी एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया। इसमें 17 करों और 13 उपकरों को समाहित किया गया। इससे कर व्यवस्था सरल हुई। पंजीकरण के लिए कारोबार सीमा वस्तुओं के लिए 40 लाख रुपये और सेवाओं के लिए 20 लाख रुपये (वैट के तहत औसतन 5 लाख रुपये से) तक बढ़ गई। राज्यों में 495 अलग-अलग फॉर्म (चालान, फॉर्म, घोषणाएं आदि) भरने होते थे। जीएसटी के कारण यह घटकर अब केवल 12 रह गया है।

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