Potato Prices: रुलाएंगी आलू की कीमतें, दिसंबर तक करती रहेंगी परेशान

Potato Prices: खाने-पीने की सबसे जरूरी चीजें आलू की कीमतें दिसंबर तक हमें रूलाती रहेंगी। बेमौसम बारिश ने आलू की फसल को प्रभावित किया है। इसकी जमाखोरी भी कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं।

आलू की कीमतों में हो सकती हैं और बढ़ोतरी (तस्वीर-Canva)

Potato Prices: खाने-पीने की चीजों की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। टमाटर की कीमतें कम हुई लेकिन कहा जा रहा है कि किचन के लिए सबसे जरूरी चीज आलू की कीमत और बढ़ सकती है। दिसंबर में नई फसल आने तक आलू की कीमतें लोगों को परेशान करती रहेंगी। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक व्यापारियों ने कहा कि हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से आवक बढ़ने के कारण एशिया के सबसे बड़े फल और सब्जी थोक बाजार दिल्ली की आजादपुर मंडी में पिछले दो दिनों में टमाटर की कीमतों में 40% की गिरावट आई है। इसके विपरीत आलू व्यापारियों ने कहा कि आलू की कीमतें 5-10% तक बढ़ जाएंगी क्योंकि बेमौसम बारिश ने आलू की फसल को प्रभावित किया है।

आलू की हो रही है जमाखोरी

आलू के सबसे बड़े उत्पादक उत्तर प्रदेश के व्यापार सूत्रों ने कहा कि सरकार ने पहले ही कीमतों को नियंत्रण में लाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है कि क्या राज्य के आलू व्यापार के केंद्र आगरा में कोल्ड स्टोरेज फैसिलिटी कीमतें बढ़ाने के लिए आलू की जमाखोरी कर रही हैं। एक बार चुनाव खत्म हो जाने के बाद आलू की आवाजाही पर राज्यव्यापी निगरानी की जाएगी।

5 से 10 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं आलू की कीमतें

ईटी के मुताबिक फेडरेशन ऑफ कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय समन्वयक अरविंद अग्रवाल ने कहा कि इस साल पूरे देश में आलू की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। कोल्ड स्टोरेज में स्टॉक भी कम हो रहा है क्योंकि लोग अधिक आलू खा रहे हैं क्योंकि हीटवेव के कारण अन्य सब्जियां खराब हो गई हैं। ऐसे परिदृश्य में जहां डिमांड अधिक है और आपूर्ति कम है, कीमतें बढ़ेंगी। इसमें तेजी आ सकती है आने वाले हफ्तों में 5-10% तक और बढ़ोतरी होगी। उत्तर प्रदेश में इस साल अब तक 17 मिलियन टन आलू का उत्पादन हुआ है।

End Of Feed