देश के 43 शहरों में बढ़े घरों के दाम, जानें कहां सबसे महंगा है आशियाना खरीदना
Property Rate In Delhi, Gurugram, Bangalore And Other Major Cities: राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB)की रिपोर्ट के अनुसार एनएचबी आवास मूल्य सूचकांक के मुताबिक होम लोन की दरें अब भी महामारी-पूर्व के स्तर से कम हैं।इस दौरान अहमदाबाद में संपत्ति की कीमतों में 9.1 फीसदी की वृद्धि हुई। इसके बाद बेंगलुरु में 8.9 फीसदी और कोलकाता में 7.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
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Property Rate In Delhi, Gurugram, Bangalore And Other Major Cities:देश में अब घरों के दाम में तेजी दिख रही है। अप्रैल-जून की तिमाही में देश के 43 शहरों में घरों के दाम बढ़े हैं। सबसे ज्यादा घरों के दाम गुरूग्राम,अहमदाबाद में बढ़े हैं। इसके बाद बेंगुरू और कोलकाता का नंबर आता है। घरों की मांग बढ़ने की एक वजह सस्ते होम लोन का होना रहा है। जिसका असर मांग पर दिख रहा है। बुधवार को पहली तिमाही में घरों के प्राइस पर राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। उसके अनुसार 43 शहरों में जहां घर महंगे हुए हैं, वहीं 7 शहर ऐसे हैं जहां घरों के दाम कम हुए हैं। इसमें लुधियाना सबसे ऊपर है।
कहां कितने बढ़े दाम
राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB)की रिपोर्ट के अनुसार एनएचबी आवास मूल्य सूचकांक के मुताबिक होम लोन की दरें अब भी महामारी-पूर्व के स्तर से कम हैं।इस दौरान अहमदाबाद में संपत्ति की कीमतों में 9.1 फीसदी की वृद्धि हुई। इसके बाद बेंगलुरु में 8.9 फीसदी और कोलकाता में 7.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
इसी तरह चेन्नई में घरों के दाम में 1.1 फीसदी, दिल्ली में 0.8 फीसदी, हैदराबाद में 6.9 फीसदी , मुंबई में 2.9 फीसदी और पुणे में 6.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।बैंकों और आवास वित्त कंपनियों से जमा किए गए संपत्तियों के मूल्यांकन मूल्यों के आधार पर 50 शहरों के एचपीआई में 2023-24 की पहली तिमाही के दौरान 4.8 फीसदी की वार्षिक वृद्धि हुई। एक साल पहले यह आंकड़ा सात प्रतिशत था।इस दौरान सबसे अधिक 20.1 फीसदी की बढ़ोतरी गुरुग्राम में रही। वहीं सबसे अधिक गिरावट लुधियाना में (19.4 फीसदी) देखी गई।
प्रॉपर्टी बेचने पर कितना टैक्स
कोई भी प्रॉपर्टी बेचने या खरीदने से लोगों की इनकम पर असर पड़ता है। इससे टैक्स का दायरा बढ़ जाता है और उसी हिसाब से टैक्स देना पड़ता है। अपने टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स नहीं देने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एक्शन ले सकता है। जहां एक तरफ प्रॉपर्टी को खरीदने या बेचने पर आपको टैक्स देना होता है वहीं अगर आप अपनी खानदानी प्रॉपर्टी को बेचते हैं तो उस पर इनकम टैक्स के अलग नियम लागू होते हैं। विरासत में मिली हुई प्रॉपर्टी रखने पर आपको किसी तरह का टैक्स नहीं देना होता है।
जब भी आप खानदानी प्रॉपर्टी बेचते हैं और उस पर लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म के हिसाब से टैक्स लगता है, तो उसे कैपिटल गेन टैक्स कहा जाता है। प्रॉपर्टी बेचने पर कैपिटल गेन के मुताबिक टैक्स कैलकुलेशन होता है और उसी आधार पर टैक्स देना होता है।
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