PSU Banks Profit:सरकारी बैंको का मुनाफा 1.50 लाख करोड़ करेगा पार, FD पर ज्यादा ब्याज का जारी रहेगा दौर
PSU Banks Profit: चालू वित्त वर्ष के पहले आठ माह (अप्रैल-नवंबर) में बैंकों के पास कुल जमा में 12.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले समान अवधि में जमा में 9.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।
पीएसयू बैंक को होगा मोटा मुनाफा
PSU Banks Profit:चालू वित्त वर्ष में देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल मुनाफा 1.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। मजबूत आर्थिक वृद्धि के बीच कर्ज की ऊंची मांग की वजह से देश के बैंकिंग क्षेत्र की स्थिति इस समय काफी सुधर चुकी है।चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने लगभग 68,500 करोड़ रुपये कमाए हैं और दूसरी छमाही में भी यह रफ्तार जारी रहने की उम्मीद है। यदि यह रुझान जारी रहता है, तो 2023-24 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का शुद्ध लाभ 1.50 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 1.04 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था।
क्यों बढ़ा रहा है मुनाफा
गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के मोर्चे पर स्थिरता, मजबूत लोन डिमांड और ऊंची ब्याज दर होने से आने वाले महीनों में बैंकों का प्रॉफिट बढ़ाने में मदद मिलेगी।कोटक महिंद्रा बैंक की पूर्णकालिक निदेशक शांति एकंबरम ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जब अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन करती है तो बैंकिंग क्षेत्र का प्रदर्शन भी अच्छा रहता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल में भारत के वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से संशोधित कर सात प्रतिशत कर दिया है।
उन्होंने कहा कि वृद्धि मजबूत है। रिटेल सेक्टर के साथ कर्ज की मांग डेढ़ साल पहले शुरू हुई थी। अब यह पूंजीगत व्यय की ओर बढ़ रही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि जमा वृद्धि ऋण वृद्धि की तुलना में धीमी रही है और यही चुनौती है जिससे बैंकों को आने वाले महीनों में निपटना है।जमा में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन यह अब भी कर्ज वृद्धि की तुलना में पांच प्रतिशत कम है।
ऊंजी ब्याज दरों का जारी रहेगा दौर
चालू वित्त वर्ष के पहले आठ माह (अप्रैल-नवंबर) में बैंकों के पास कुल जमा में 12.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले समान अवधि में जमा में 9.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।रिजर्व बैंक के ताजा बुलेटिन के अनुसार, एक दिसंबर, 2023 को ऋण वृद्धि एक साल पहले के 17.5 प्रतिशत से घटकर 16.4 प्रतिशत रह गई।धीमी जमा राशि जुटाने से चालू खाते और बचत खाते (कासा) में गिरावट आएगी जिससे दर में कटौती की गुंजाइश सीमित हो जाएगी।इसके पहले अक्टूबर में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने संकेत दिया था, ब्याज दर कुछ समय तक ऊंची बनी रहेगी।
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