Pulses Sowing: दलहन का रकबा 50 फीसदी बढ़ा, अब उत्पादन पर नजर

Pulses Sowing: चालू खरीफ सत्र के आखिरी सप्ताह तक दलहन की बुवाई का रकबा 36.81 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि एक साल पहले यह 23.78 लाख हेक्टेयर था। सभी राज्यों में उड़द, अरहर और मसूर की 100 प्रतिशत खरीद का लक्ष्य सरकार ने दिया है।

दलहर का रकबा बढ़ा

Pulses Sowing:चालू खरीफ बुवाई सत्र 2024-25 के दौरान दलहन की खेती के रकबे में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अहम बात यह है तुअर के रकबे में भी 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। चालू खरीफ सत्र के आखिरी सप्ताह तक दलहन की बुवाई का रकबा 36.81 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि एक साल पहले यह 23.78 लाख हेक्टेयर था। दलहन और अन्य खरीफ फसलों की बुवाई जून में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है, जबकि कटाई सितंबर से शुरू होती है।

आत्मनिर्भरता हासिल करने का लक्ष्य

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को चालू खरीफ बुवाई सत्र 2024-25 के दौरान दलहन की खेती के रकबे में वृद्धि पर संतोष व्यक्त किया। इस दौरान दलहनों विशेष रूप से तुअर के रकबे में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।यहां कृषि भवन में खरीफ (ग्रीष्म) फसलों की प्रगति की समीक्षा करते हुए चौहान ने कहा कि दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना देश की प्राथमिकता है और इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है। सभी राज्यों में उड़द, अरहर और मसूर की 100 प्रतिशत खरीद के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता दोहराई और अधिक किसानों को दलहन की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता पैदा करने का आग्रह किया।

उत्पादन पर होगी नजर

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चालू खरीफ सत्र के आखिरी सप्ताह तक दलहन की बुवाई का रकबा 50 प्रतिशत बढ़कर 36.81 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि एक साल पहले यह 23.78 लाख हेक्टेयर था।जैसे-जैसे खरीफ की बुवाई का मौसम आगे बढ़ेगा, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी रहेंगी कि दलहन की खेती में यह शुरुआती उछाल उत्पादन में वृद्धि में तब्दील होता है या नहीं।भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करने और घरेलू कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है।

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