दिवालिया होने की कगार पर Rasna! कोरोना से पहले का मामला, NCLT लेगा फैसला
Rasna insolvency : नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में एक दिवालिया याचिका दायर हुई है। जिसमें 71 लाख रुपये के बकाए रकम का जिक्र है।
ट्रिब्यूनल ने रविंद्र कुमार को अंतरिम रिजॉल्यूशनल प्रोफेशनल के तौर पर नियुक्त किया है।
Rasna insolvency : गर्मी में ठंडक पहुंचाने वाली इंस्ट्रैंट ड्रिंक मिक्स रसना (Rasna) का नाम तो सुना ही होगा। खबर है कि अब यह दिवालिया होने वाली है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में एक दिवालिया याचिका दायर हुई है। जिसमें 71 लाख रुपये के बकाए रकम का जिक्र है। जिसे लॉजिस्टिक्स कंपनी भारत रोड कैरियर प्राइवेट लिमिटेड (Bharat Road Carrier Pvt Ltd.) ने दायर किया था।
इस मामले में ट्रिब्यूनल ने रविंद्र कुमार को अंतरिम रिजॉल्यूशनल प्रोफेशनल के तौर पर नियुक्त किया है। लॉजिस्टिक्स कंपनी के मुताबिक यह मामला कोरोना महामारी से काफी पहले का है। जब इसने रसना को कई सामान भेजे थे जिसकी इनवॉइस अप्रैल 2017 से अगस्त 2018 के बीच बनी थी।
रसना ने क्या दलील दी?
रसना ने अपने बचाव में कहा कि नवंबर 2018 में भारत रोड कैरियर के खिलाफ 1.25 करोड़ रुपये के नुकसान का मामला दायर किया था। जिसे अहमदाबाद के कॉमर्शियल कोर्ट में दायर किया गया था और मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा गया था। लेकिन रसना का कहना है कि लॉजिस्टिक्स फर्म मीडिएटर यानी मध्यस्थ के सामने पेश नहीं हुई जिसकी वजह से मध्यस्थता नहीं हो पाई। कॉमर्शियल कोर्ट ने 30 अप्रैल 2019 को नोटिस जारी किया लेकिन जवाब दाखिल करने की तारीख तक भी यह कोर्ट के सामने पेश नहीं हुई थी।
NCLT से इस सेक्शन के तहत भी नहीं मिल सकी राहत
ट्रिब्यूनल का कहना है कि इसे इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC Code) के सेक्शन 10ए के तहत राहत नहीं मिल सकती है। इस सेक्शन के तहत कोरोना महामारी के दौरान अगर कोई कंपनी किसी बकाए को लेकर डिफॉल्ट हो जाती है तो उसके खिलाफ दिवालिया की प्रक्रिया नहीं शुरू की जाएगी। क्योंकि रसना के खिलाफ दिवालिया याचिका कोरोना महामारी से पहले की है इसलिए रसना के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया को एनसीएलटी ने मंजूरी दे दी है और मोरेटोरियम पीरियड भी शुरू हो गया है। यह पीरियड दिवालिया प्रक्रिया पूरी होने तक या फैसला लेने वाली अथॉरिटी रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी नहीं दे देती है, तब तक रहेगा।
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