RBI ने इन 4 सहकारी बैंकऔर NBFC पर ठोका 67 लाख रुपये का जुर्माना, जानें क्या है वजह
RBI Action On Bank: नासिक मर्चेंट सहकारी बैंक लिमिटेड पर 48.30 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। बैंकिंग नियामक ने कहा कि नासिक मर्चेंट के सहकारी बैंक ने धोखाधड़ी के मामलों की रिपोर्ट देरी से की थी और निष्क्रिय बचत बैंक (एसबी) खातों में न्यूनतम शेष राशि बनाए न रखने के लिए दंडात्मक शुल्क लगाया था।
मेहसाणा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर लगा जुर्माना
नासिक मर्चेंट सहकारी बैंक पर क्यों लगा जुर्माना
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रिजर्व बैंक ने 'यूसीबी में धोखाधड़ी: निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र में परिवर्तन' और 'जमा खातों के रखरखाव' पर आरबीआई द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन न करने के लिए नासिक मर्चेंट सहकारी बैंक लिमिटेड पर 48.30 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। बैंकिंग नियामक ने कहा कि नासिक मर्चेंट के सहकारी बैंक ने धोखाधड़ी के मामलों की रिपोर्ट देरी से की थी और निष्क्रिय बचत बैंक (एसबी) खातों में न्यूनतम शेष राशि बनाए न रखने के लिए दंडात्मक शुल्क लगाया था। आरबीआई ने कहा कि सहकारी बैंक ने ग्राहकों को सूचित किए बिना एसबी खातों में न्यूनतम शेष राशि बनाए न रखने पर दंडात्मक शुल्क लगाया।
मेहसाणा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर इसलिए लगा जुर्माना
आरबीआई ने 'जमा पर ब्याज दर' पर आरबीआई द्वारा जारी निर्देशों का पालन न करने पर मेहसाणा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मेहसाणा पर 15 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया । रिजर्व बैंक ने कहा कि मेहसाणा शहरी सहकारी बैंक ने अयोग्य ट्रस्टों के बचत बैंक खाते खोले थे, जिनकी पूरी आय आयकर अधिनियम, 1961 के तहत आयकर के भुगतान से मुक्त नहीं थी।
सांगली सहकारी बैंक पर जुर्माना लगने की वजह
सांगली सहकारी बैंक लिमिटेड (मुंबई) को 'निदेशक मंडल-यूसीबी' पर आरबीआई द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन न करने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा लगाए गए ₹ 2.00 लाख के मौद्रिक दंड का सामना करना पड़ा। बैंकिंग नियामक ने कहा कि सांगली सहकारी बैंक लिमिटेड ने अपने एक निदेशक के रिश्तेदार को दिए गए ऋण का नवीनीकरण किया था ।
दुक्कोट्टई सहकारी टाउन बैंक पर जुर्माना क्यों लगा
रिजर्व बैंक ने 'निदेशक मंडल - यूसीबी' पर आरबीआई द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन न करने के लिए पुदुक्कोट्टई सहकारी टाउन बैंक लिमिटेड, पुदुक्कोट्टई, तमिलनाडु पर ₹ 25,000 का मौद्रिक जुर्माना लगाया । शीर्ष बैंक ने कहा कि पुदुक्कोट्टई को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड ने बैंकिंग मानदंडों के विपरीत अपने निदेशकों को ऋण दिया था।
आरबीआई द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन न करने के लिए सैपर्स फाइनेंस एंड कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता NBFC पर 1.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
रिजर्व बैंक ने कहा कि एनबीएफसी न केवल प्रबंधन में बदलाव के लिए बैंकिंग नियामक की पूर्व मंजूरी प्राप्त करने में विफल रही, बल्कि आरबीआई को लागू रिटर्न और वैधानिक लेखा परीक्षक का प्रमाण पत्र जमा करने में भी विफल रही। रिज़र्व बैंक की कार्रवाइयां विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित थीं और इसका उद्देश्य बैंकों या एनबीएफसी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर फैसला देना नहीं था।
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