RBI Monetary Policy:फिर नहीं मिली EMI पर राहत,RBI ने लगातार 7 वीं बार रेपो रेट में नहीं किया बदलाव, जानें क्यों
RBI Monetary Policy: आर्थिक वृद्धि दर को लेकर चिंताएं कम होने से रिटेल महंगाई ही इस समय आरबीआई के फोकस पर है। खास तौर से जिस तरह ग्लोबल लेवल पर जापान, जर्मनी जैसी प्रमुख इकोनॉमी आर्थिक मंदी की चपेट में हैं, उसे देखते हुए आरबीआई महंगाई को लेकर बेहद सतर्कता अपना रहा है।
आरबीआई ने फिर रेपो रेट में नहीं किया बदलाव
ग्रोथ ट्रैक होने से महंगाई पर ज्यादा फोकस
आर्थिक वृद्धि दर को लेकर चिंताएं कम होने से रिटेल महंगाई ही इस समय आरबीआई के फोकस पर है। खास तौर से जिस तरह ग्लोबल लेवल पर जापान, जर्मनी जैसी प्रमुख इकोनॉमी आर्थिक मंदी की चपेट में हैं, उसे देखते हुए आरबीआई महंगाई को लेकर बेहद सतर्कता अपना रहा है। अभी महंगाई दर 5 फीसदी की रेंज में हैं। जबकि आरबीआई इसे 4 फीसदी के रेंज में लाना चाहता है। खास तौर से खाद्य महंगाई दर आरबीआई के लिए चिंता का विषय है। फरवरी में रिटेल महंगाई दर 5.09 फीसदी और खाद्य महंगाई दर 8.66 फीसदी रही है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर क्रमशः 8.2 और 8.1 प्रतिशत कर दिया है। पिछले वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत रही थी।
आरबीआई गवर्नर क्या बोले..आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई पिछले 9 महीनों में लगातार गिरावट के साथ सबसे निचले स्तर पर आ गई है। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि फरवरी में खाद्य मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी हुई है।
- ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आउटलुक उज्ज्वल दिखाई देता है।
- FY25 के लिए GDP 7% रहने का अनुमान।
- आरबीआई गवर्नर का कहना है कि सामान्य मानसून के शुरुआती संकेत खरीफ सीजन के लिए अच्छे संकेत हैं।
- FY25 के लिए मुद्रास्फीति 4.5% रहने का अनुमान।
कर्ज लेने वाले निराश
वॉयस है बैकिंग के फाउंडर अश्विनी राणा के अनुसार रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कोई कमी न करने से बैंकों से लोन लेने वाले ग्राहकों को निराशा हाथ लगी है ।रिजर्व बैंक ने आज 2024 में अपनी दूसरी बैठक में भी रेपो रेट में कोई वृद्धि नहीं की है। 2023 में पांच बार लगातार भी रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया था। महंगाई दर को काबू में रखने के लिए रिजर्व बैंक के प्रयास जारी हैं । अभी रेपो रेट 6.50 ही रहेगा।रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को न बढ़ाने के पीछे देश में आर्थिक प्रगति को जारी रखने, महंगाई को काबू में रखने का भी ध्यान में रखा है।उम्मीद है कि यदि मेंहंगाई ऐसे ही काबू में रही तो तो रिजर्व बैंक की अगली होने वाली बैठक में रेपो रेट में कमी आ सकती है।
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