RBI G-Sec: अब सरकारी प्रतिभूतियों पर मिलेगा कर्ज, आरबीआई ने दी मंजूरी

RBI G-Sec: केंद्र सरकार की तरफ से जारी जी-सेक (ट्रेजरी बिलों को छोड़कर) सरकारी प्रतिभूति उधारी (जीएसएल) लेनदेन के तहत कर्ज देने और उधार लेने के लिए पात्र होंगे। आरबीआई फरवरी में सरकारी प्रतिभूति ऋण दिशानिर्देश, 2023 का मसौदा लेकर आया था।

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आरबीआई की नई पहल

RBI G-Sec:भारतीय रिजर्व बैंक ने बॉन्ड बाजार को मजबूती देने के लिए बुधवार को सरकारी प्रतिभूतियों के एवज में कर्ज देने और उधार लेने से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए। प्रतिभूतियों पर कर्ज देने और उधार लेने से संबंधित एक सुव्यवस्थित बाजार सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) के बाजार को मजबूत करने के साथ उसे तरलता देने का काम करेगा। इससे प्रतिभूतियों के प्रभावी मूल्य की तलाश में मदद मिलेगी।आरबीआई फरवरी में सरकारी प्रतिभूति ऋण दिशानिर्देश, 2023 का मसौदा लेकर आया था।

कैसे करेगा काम

एक अधिसूचना के मुताबिक, केंद्र सरकार की तरफ से जारी जी-सेक (ट्रेजरी बिलों को छोड़कर) सरकारी प्रतिभूति उधारी (जीएसएल) लेनदेन के तहत कर्ज देने और उधार लेने के लिए पात्र होंगे। अधिसूचना के अनुसार, आरबीआई की तरलता समायोजन सुविधा सहित रेपो लेनदेन के तहत प्राप्त या किसी अन्य जीएसएल लेनदेन के तहत उधार ली गई प्रतिभूतियां भी जीएसएल लेनदेन के तहत उधार देने के लिए पात्र होंगी।

ये होंगे नियम

इसके अलावा ट्रेजरी बिल एवं राज्य सरकारों के बॉन्ड सहित सरकारी प्रतिभूतियां जीएसएल लेनदेन के तहत बंधक रखने के लिए पात्र होंगी।आरबीआई ने कहा कि जीएसएल लेनदेन की न्यूनतम अवधि एक दिन होगी और अधिकतम अवधि शॉर्ट सेलिंग से बचने के लिए निर्धारित अधिकतम अवधि होगी।सरकारी प्रतिभूतियों को उधार देने और उधार लेने से 'विशेष रेपो' के लिए मौजूदा बाजार में वृद्धि होने की उम्मीद है।इससे निवेशकों को निष्क्रिय प्रतिभूतियों को लगाने और पोर्टफोलियो रिटर्न बढ़ाने का अवसर देकर प्रतिभूति ऋण बाजार में व्यापक भागीदारी की सुविधा मिलने की उम्मीद है।

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