Sovereign Gold Bonds: एसजीबी 2016 सीरीज II की रिडेम्पशन डेट और प्राइस घोषित, पैसा हो गया डबल
Sovereign Gold Bonds 2024: मार्च 2016 में तब के सोने के रेट आधार पर एक गोल्ड बॉन्ड 2916 रु में जारी किया गया था, जिस पर अब निवेशकों को 6601 रु मिलेंगे। यानी 126.37 फीसदी का फायदा। इससे निवेशकों का पैसा डबल से भी अधिक हो गया है।

सॉवरेन गोल्ड बांड 2024 की रिडेम्पशन डेट आ गयी
- 28 मार्च है एसजीबी 2016 सीरीज II की रिडेम्पशन डेट
- 6601 रु के रेट पर होगा रिडेम्पशन
- 8 सालों में निवेशकों को मिला 126.37% रिटर्न
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कितना होगा रिडेम्पशन प्राइस
रिजर्व बैंक ने यह भी ऐलान की है कि एसजीबी का रिडेम्पशन प्राइस, रिडेम्पशन की तारीख से पहले वाले सप्ताह (सोमवार-शुक्रवार) के लिए 999 प्योरिटी वाले सोने के क्लोजिंग प्राइस के साधारण एवरेज रेट के हिसाब से तय किया जाएगा। ये रेट इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (आईबीजेए) से लिया जाएगा।
18-22 मार्च 2024 वाले हफ्ते के लिए सोने के क्लोजिंग रेट का एवरेज करने पर इस हिसाब से 28 मार्च 2024 को दिए जाने वाला फाइनल रिडेम्पशन प्राइस एसजीबी की प्रति यूनिट पर 6601 रु होगा।
कितना हुआ फायदा
मार्च 2016 में तब के सोने के रेट आधार पर एक गोल्ड बॉन्ड 2916 रु में जारी किया गया था, जिस पर अब निवेशकों को 6601 रु मिलेंगे। यानी 126.37 फीसदी का फायदा। इससे निवेशकों का पैसा डबल से भी अधिक हो गया है।
क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम
एसजीबी सरकारी सिक्योरिटीज हैं, जिनमें एक यूनिट एक ग्राम सोने की होती है। ये फिजिकल गोल्ड से हटकर सोने में निवेश का एक अच्छा ऑप्शन माना जाता है। बॉन्ड के लिए निवेशकों को इश्यू प्राइस कैश में चुकाना होता है और फिर मैच्योरिटी पर बॉन्ड कैश में रिडीम होते हैं। ये बाॉन्ड भारत सरकार की ओर से रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं।
क्या हैं एसजीबी के फायदे
- एसजीबी में निवेशकों को सालाना 2.5 फीसदी की दर से ब्याज का लाभ मिलता है
- एसजीबी में निवेशकों को कैपिटल गेन्स टैक्स से छूट मिलती है। इसका मतलब है कि निवेशकों को कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं देना होता
- निवेशक कोलैटरल (गिरवी रखकर लोन लेना) के रूप में सॉवरेन गोल्ड बांड का भी उपयोग कर सकते हैं
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कोई सिक्योरिटी टेंशन नहीं है। क्योंकि फिजिकल सोने को सुरक्षित रखने के लिए बैंक लॉकर का उपयोग करना पड़ता है, वहीं डिजिटल सोने में ऐसी कोई आवश्यकता नहीं होती
कौन कर सकता है एसजीबी में निवेश
आरबीआई के अनुसार विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के तहत परिभाषित भारत में रहने वाले व्यक्तियों में कोई इंडिविजुअल, एचयूएफ (हिंदू यूनाइटेड फैमिली), ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और धर्मार्थ संस्थान एसजीबी में निवेश कर सकते हैं। वे इंडिविजुअल निवेशक जो बॉन्ड होल्डिंग अवधि के दौरान निवासी से अनिवासी बन जाते हैं, वे भी रिडेम्पशन/मैच्योरिटी तक एसजीबी को अपने पास रख सकते हैं।
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