RBI: आरबीआई ने निपटाया 10 लाख का बैड लोन, जानें क्या है पूरा मामला

डिप्टी गवर्नर ने बैंकों की बैलेंस शीट को साफ करने में हुई पर्याप्त प्रगति की प्रशंसा करते हुए सुधार के संभावित क्षेत्रों को भी रेखांकित किया। आईबीबीआई के चेयरपर्सन रवि मितल ने अपने संबोधन में कहा कि आईबीसी से काफी महत्वपूर्ण परिवर्तन आए हैं। आईएनएसओएल इंडिया के अध्यक्ष दिनकर वेंकटसुब्रमण्यम ने स्वागत भाषण में भारत में आईबीसी के विकास के बार में बताया।

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आरबीआई ने निपटाया 10 लाख का बैड लोन

तस्वीर साभार : IANS

RBI News: आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने बताया कि 2016 में लागू होने के बाद से इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) ने बैंक संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार करने और 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के 'बैड लोन' को निपटाने में सफलता हासिल की है। इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन पर केंद्रित एक इंटरनेशनल कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए राव ने पुनर्गठन और पुनरुद्धार पर ध्यान देने के साथ पक्षकारों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर जोर दिया और सुझाव दिया कि आईबीसी मामलों का विस्तृत अध्ययन भविष्य की लोन रणनीतियों के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है।

डिप्टी गवर्नर ने दी जानकारी

डिप्टी गवर्नर ने यह बयान इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (आईबीबीआई) द्वारा आईएनएसओएल इंडिया के सहयोग से आयोजित सम्मेलन में दिया। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी एक बयान के मुताबिक, डिप्टी गवर्नर ने बैंकों की बैलेंस शीट को साफ करने में हुई पर्याप्त प्रगति की प्रशंसा करते हुए सुधार के संभावित क्षेत्रों को भी रेखांकित किया। आईबीबीआई के चेयरपर्सन रवि मितल ने अपने संबोधन में कहा कि आईबीसी से काफी महत्वपूर्ण परिवर्तन आए हैं। देनदार-लेनदार इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण व्यवहार परिवर्तन से "डिफॉल्टर्स पैराडाइज" को खत्म करने में सफलता मिली है। साथ ही उन्होंने एडमिशन से पहले 28,000 से अधिक मामलों के निपटान का भी उल्लेख किया।

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‘बैंक हेल्थ’ की आवश्यकता पर जोर

आईएनएसओएल इंडिया के अध्यक्ष दिनकर वेंकटसुब्रमण्यम ने स्वागत भाषण में भारत में आईबीसी के विकास के बार में बताया। साथ ही दिवाला पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से आईएनएसओएल इंडिया की हालिया पहलों को भी रेखांकित किया। एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर राणा आशुतोष कुमार सिंह ने बैंकों के मुनाफे और परिसंपत्ति गुणवत्ता पर आईबीसी के परिवर्तनकारी प्रभाव की सराहना की। उन्होंने विकसित भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने की आधारशिला के रूप में 'बैंक हेल्थ' को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और आगे सुधार के लिए रचनात्मक सुझाव भी दिए।

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Pawan Mishra author

पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। जन्म दिल्ली में हुआ और शिक्षा भी यहीं से पूरी की ह...और देखें

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