Drop in RBI Gold Reserve: 6 साल के निचले स्तर पर भारत का विदेश में रखा गोल्ड, जानें RBI फटाफट स्वदेश क्यों मंगा रहा ?
Drop in RBI Gold Reserve in overseas: आरबीआई विदेश में रखे गोल्ड रिजर्व में से 47 फीसदी गोल्ड भारत वापस ला चुका है। और अब केवल 53 फीसदी गोल्ड विदेश में रखा हुआ है। यह 1991 के उस रुख से एक अहम बदलाव है जब भारत को भुगतान में चूक से बचने के लिए विदेश में सोना गिरवी रखना पड़ा था।
आरबीआई का गोल्ड रिजर्व
Fall in RBI Gold Reserve:आरबीआई लगातार विदेशों में रखे गोल्ड को अब निकालकर भारत ला रहा है। और उसकी इस कवायद का असर है कि मार्च अंत तक विदेशों में जमा भारतीय रिजर्व बैंक का गोल्ड रिजर्व छह साल के निचले स्तर पर आ गया । आरबीआई ने यह कवायद रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद शुरू की थी। और इसी वजह से आरबीआई विदेश में रखे गोल्ड रिजर्व में से 47 फीसदी गोल्ड भारत वापस ला चुका है। और अब केवल 53 फीसदी गोल्ड विदेश में रखा हुआ है। मार्च 2024 तक आरबीआई के पास कुल 822.1 टन गोल्ड था।
अमेरिका के रुख से सतर्क हुआ आरबीआईईटी की रिपोर्ट के अनुसार असल में फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिकी सरकार द्वारा रूसी विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों को फ्रीज करने के बाद दुनिया भर के बैंकिंग रेग्युलेटर सतर्क हो गए हैं। और आरबीआई का कदम भी दूसरे रेग्युलेटर के अनुरूप ही है। पिछले महीने के अंत में RBI ने यूके से 100 टन सोना वापस भारत लाया है। इस पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि ऐसा इसलिए है क्योंकि घरेलू भंडारण क्षमता पर्याप्त है और इससे ज्यादा कुछ नहीं समझा जाना चाहिए।
इस बीच दुनिया भर के 57 केंद्रीय बैंकों और अन्य परिसंपत्ति प्रबंधकों के दिसंबर 2023 के सर्वेक्षण से पता चला है कि उन्होंने 8-10 साल पहले सोने में निवेश बढ़ा दिया था, इसे लंदन में रखा और स्वैप के जरिए ज्यादा रिटर्न के लिए इसका इस्तेमाल किया। लेकिन अब वे अपने भंडार को वापस अपने देशों में ले जा रहे हैं, सर्वेक्षण के अनुसार, केंद्रीय बैंकों के पास 2020 में जहां अपने देश में 50 फीसदी सोने का भंडार था। वह अगले पाँच वर्षों में 74 फीसदी तक बढ़ने की संभावना है। यानी सभी केंद्रीय बैंक अपने देश गोल्ड वापस मंगा रहे हैं।
1991 में भारत ने गिरवी रखा था गोल्डपिछले कुछ महीनों से जिस तरह RBI ने अपना गोल्ड भारत वापस मंगाना शुरू किया है। उससे साफ है कि वह आने वाले समय में कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है। सितंबर 2021 में भारत में गोल्ड का केवल 39 फीसदी हिस्सा भारत में था, मार्च 2024 में बढ़कर 53 फीसदी हो गया है। यह 1991 के उस रुख से एक अहम बदलाव है जब भारत को भुगतान में चूक से बचने के लिए विदेश में सोना गिरवी रखना पड़ा था।
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