RBI: भूमि, श्रम तथा कृषि बाजारों में अधिक सुधारों की जरूरत, जानें आरबीआई गवर्नर ने कहीं क्यों ये बात

RBI Governor On Economy: जीएसटी (GST) और ‘इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड’ (IBC) जैसे सुधारों से दीर्घकालिक सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। ऐसे में भूमि, श्रम तथा कृषि बाजारों में और अधिक सुधारों की आवश्यकता आ गई है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास।

RBI Governor On Economy:देश की इकोनॉमी को और रफ्तार देने के लिए भूमि, श्रम तथा कृषि बाजारों में सुधार की जरूरत है। यह बात भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कही है। दास के अनुसार जीएसटी (GST) और ‘इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड’ (IBC) जैसे सुधारों से दीर्घकालिक सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। ऐसे में भूमि, श्रम तथा कृषि बाजारों में और अधिक सुधारों की आवश्यकता आ गई है। दास ने यह बातें एफआईबीएसी 2024 के उद्घाटन भाषण में कही हैं। गवर्नर ने कहा कि विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों तथा बाजारों में व्यापक पर बदलाव हो रहे हैं और देश इन बदलाव के लिए तैयार है।

इकोनॉमी के लिए अच्छे संकेत

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के बुनियादी चालक गति पकड़ रहे हैं और देश सतत वृद्धि के पथ पर आगे बढ़ रहा है।दास ने कहा कि उन्नत अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में हमारे देश की यात्रा को कई कारकों के अनूठे मिश्रण से बल मिल रहा है। इन कारकों में युवा व ऊर्जस्वी आबादी, जुझारू व विविध अर्थव्यवस्था, मजबूत लोकतंत्र और उद्यमशीलता व नवाचार की समृद्ध परंपरा शामिल है।उन्होंने यह भी कहा कि बैंकों का बहीखाता मजबूत है।दास ने निजी क्षेत्र से व्यापक स्तर पर निवेश बढ़ाने का आग्रह किया।

महंगाई पर कहीं ये बात

गवर्नर ने कुल मुद्रास्फीति के मायने स्वीकार करते हुए कहा कि मुद्रास्फीति तथा ग्रोथ के बीच सही संतुलन कायम है। उन्होंने कहा कि बेहतर मानसून तथा खरीफ की अच्छी बुवाई से खाद्य मुद्रास्फीति का परिदृश्य अधिक अनुकूल हो सकता है।दास ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र को समावेशी वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल मंच तक पहुंच बढ़ानी चाहिए और उनका इस्तेमाल करना चाहिए।उन्होंने जोखिम निर्धारण मानकों को कमजोर किए बिना महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों और सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यम (एमएसएमई) के अनुरूप उत्पाद तथा सेवाएं पेश करने की भी वकालत की। दास ने यह भी कहा कि यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस’ (ULI) प्लेटफॉर्म पर केवल विनियमित संस्थाओं को ही अनुमति दी जाएगी।
End Of Feed