RBI Governor Exclusive: भारत 'तेजस' की स्पीड से कर रहा है ग्रोथ, कर्ज कब सस्ता होगा अभी यह नहीं कह सकते-शक्तिकांत दास

RBI Governor Shaktikanta Das Exclusive: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास से ET NOW और ET NOW स्वदेश के एडिटर इन चीफ निकुंज डालमिया ने एक्सक्लूसिव बातचीत की। उन्होंने देश में महंगाई, पेटीएम और अर्थव्यवस्था से जुड़े ज्वलंत सवाल किए। और RBI गवर्नर ने उनके सवालों का बेबाकी से जवाब दिया।

RBI Governor Shaktikanta Das Exclusive Interview

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

RBI Governor Shaktikanta Das Exclusive: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास से ET NOW और ET NOW स्वदेश के एडिटर इन चीफ निकुंज डालमिया से एक्सक्लूसिव बातचीत की है। सवालों के जवाब देते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि बिना भारी कीमत चुकाए महंगाई काबू में आई है। बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में स्थिरता है। इकोनॉमी का सबसे अच्छा दौर देखने को मिल रहा है। आरबीआई हर चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है। आप जीडीपी ग्रोथ देख सकते हैं। महंगाई दर, करेंट अकाउंट डिफिसिट देख सकते हैं। ओवर ऑल इकोनॉमी की स्टेबिसलिटी देख सकते हैं।

कब घटेगी महंगाई?

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई दर अभी 5.1 प्रतिशत से है। आरबीआई का फोकस महंगाई को 4 प्रतिशत पर लाने की कोशिश है। महगांई 4 प्रतिशत पर होगी तो कॉन्फिडेंस बढ़ेगा। पहले से महंगाई कम हुई है लेकि महंगाई को लंकर बाहरी फैक्टर हावी है, ऐसे में यह फिर बढ़ सकती है। यूक्रेन युद्ध के समय से अब महंगाई फीसदी कम हुई है। महंगाई को 5 प्रतिशत से 4 प्रतिशत लाने की कोशिश हो रही है। आरबीआई चाहता है कि 4 प्रतिशत पर महंगाई दर टिकाऊ रहे। फिलहाल खाद्य महंगाई दर में अभी निश्चितता दिख रही है।

कर्ज कब होगा सस्ता?

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई दर के आकड़ों पर ब्याज दर निर्भर करती है। डेटा को मॉनिटर कर रहे हैं उस आधार पर ब्याज दर पर फैसला लेंगे। भारत में ब्याज दरों के बारे में पहले से नहीं कह सकते हैं। ब्याज दर कब कम होगी यह कह नहीं सकते। ब्याज दरों पर बयान से उम्मीदें बढ़ जाती हैं। इसलिए हमें सचेत और कयासबाजी से बचना चाहिए।

कब खत्म होगा डिजिटल फ्रॉड?

शक्तिकांत दास ने कहा कि डिजिटल फ्रॉड में 1-2 साल पहले से अभी कमी आई है। रिवकरी को लेकर सख्त गाइडलाइंस जारी की गई है। इस पर आरबीआई की नजर है। और इसके लिए लगातार रेग्युलेटर के स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं।

कैसी है देश का ग्रोथ?

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वह अगले साल ग्रोथ अनुमान 7 प्रतिशत पर कायम है। मौजूदा साल में 7.6 से ज्यादा ग्रोथ संभव है। चौथी तिमाही में ग्रोथ 5.9 प्रतिशत से ज्यादा हो सकती है। महंगाई को लेकर अभी अनिश्चितता है। पिछले तीन साल में औसत ग्रोथ 8 प्रतिशत रही है। जो बेहद मजबूत इकोनॉमी का संकेत है। जहां कर ग्रामीण भारत में इकोनॉमी की बात है तो कुछ महीनों में दो पहिया वाहनों की डिमांड बढ़ी। काफी रिकवरी हुई। ट्रैक्टर की बिक्री भी बेहतर है, वह थोड़ी गिरावट के बाद भी सुस्त नहीं है। बैंकों में क्रडिट ग्रोथ लगातार बढ़ रही है। शहरी मांग लगातार मजबूत बनी हुई है। भारत की इकोनॉमी में ग्रोथ कार नहीं तेजस की तरह है। ग्रोथ सही रफ्तार के साथ टिकाऊ भी होनी चाहिए। और भारत दूसरे देशों की तुलना में बेहद अच्छी स्थिति में है।

पेटीएम ऐप को 15 मार्च तक कर लें दूसरे बैंक से लिंक

पेटीएम पर उन्होंने कहा कि किसी खास कंपनी को लेकेर टिप्पणी नहीं कर सकते। आरबीआई ने फिनटेक कंपनी पर एक्शन नहीं लिया। एक्शन रेगुलेटेट इंटिटी के खिलाफ लिया गया है। फिनटेक पर नहीं। पेटीएम के मामले में एक्शन पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर हुआ। आरबीआई फिनटेक को सपोर्ट कर रहा है। हम चाहते है कि फिनटेक ग्रोथ करे। सड़क पर कार चलाना है तो नियम मानना होगा। आरबीआई चाहता है कि बड़े एक्सिडेंट न हो।
आरबीआई रेगुलेटर के तौर पर चाहता है कि नियम का पालन हो। पेटीएम पेमेंट्स बैक को 15 मार्च तक का समय मिला। जो पर्याप्त समय है। इस फैसले से पेटीएम पेमेंट्स बैंक के 80 से 85 प्रतिशत ग्राहकों पर असर नहीं पड़ेगा। पेटीएम के सभी यूजर्स 15 मार्च तक दूसरे बैंक से पेटीएम ऐप को लिंक करना चाहिए। जिससे उन्हें बाद में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े।

म्यूचुअल फंड्स और शेयर बाजार के प्रति बढ़ा रूझान

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि यह बात सही है कि पारंपरिक सेविंग के अलावा शेयर बाजार में निवेश बढ़ा है। लेकिन हमें यह समझना होगा कि सेविंग शेयर बाजार के जरिये आखिर में बैंक में ही आ रही है। डिपॉजिट और क्रेडिट ग्रोथ में थोड़ा अंतर बढ़ा है। डिपॉजिट ग्रोथ 12 प्रतिशत, क्रेडिट ग्रोथ 16 प्रतिशत के आस पास है। मुझे उम्मीद है कि जैसे इकोनॉमी में और तेजी आएगी, डिपॉजिट ग्रोथ बढ़ेगी।आरबीआई गवर्नर ने रियल एस्टेट सेक्टर को लेकर कहा कि अभी कोई चिंता नहीं है। देश में कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी लगातार मजबूत बनी हुई है।

ज्यादा ट्रेड वाले देशों से रुपए में ट्रेड पर फोकस

देश में विदेशी मुद्रा भंडार की स्थित मजबूत है। आरबीआई और इंफ्लो और आउट फ्लो को संभाल सकता है। इंटरनेशनल ट्रेड के लिए एक ही करेंसी पर निर्भरता से जोखिम होता है। ज्यादा ट्रेड वोल्यूम वाले देशों के साथ रुपए में ट्रेड पर फोकस है। एक से ज्यादा करंसी में ट्रेड करने से जोखिम कम होता है। और हमारी यही कोशिश है।

डिजिटल करेंसी लॉन्च करने को लेकर जल्दबाजी में नहीं

क्रिप्टो को लेकर अभी दो साल पहले जैसा अभी उत्साह नहीं है। भारत और दुनिया में इसको लेकर जागरूकता आई है। आरबीआई डिजिटल करेंसी लॉन्च करने को लेकर जल्दबाजी में नहीं है। डिजिटल करेंसी के पालयट प्रोजेक्ट के कुल 47 लाख यूजर्स हैं। सीबीडीसी के रिटेल यूजर 43 लाख के पार है। जब आरबीआई को सेफ्टी और दूसरे पहलुओं पर भरोसा हो जाएगा, उसके बाद लांच करने पर फैसला किया जाएगा।
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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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