RBI Monetary Policy: आरबीआई ने नहीं किया रेपो रेट में बदलाव, जानिए अब आपको क्या करना है

RBI Monetary Policy: आरबीआई (RBI) ने एक बार फिर से रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 6.5 फीसदी पर ही बरकरार रखी गई है। अपनी जून बैठक में आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी (RBI Monetary Policy) समिति ने रेपो रेट में कोई बढ़ोतरी या कटौती न करने का फैसला किया है।

RBI Monetary Policy

रेपो रेट में नहीं हुआ बदलाव

मुख्य बातें
  • आरबीआई ने नहीं किया रेपो रेट में बदलाव
  • रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार
  • पिछली बार भी नहीं घटाई गई थी रेपो रेट

RBI Monetary Policy: आरबीआई (RBI) ने एक बार फिर से रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया है। 2023 में दूसरी बार लगातार रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। रेपो रेट 6.5 फीसदी पर ही बरकरार रखी गई है। अपनी जून बैठक में आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी (RBI Monetary Policy) समिति ने रेपो रेट में कोई बढ़ोतरी या कटौती न करने का फैसला किया है। रेपो दरें आरबीआई द्वारा देश में बैंकों को लोन देते समय ली जाने वाली ब्याज दर है। पिछले 1 साल में आरबीआई ने हाई इंफ्लेशन के मद्देनजर फरवरी 2022 से रेपो दर में 250 आधार अंकों या 2.5% तक की बढ़ोतरी की है।

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MSF रेट में भी नहीं हुआ बदलाव

एमएसएफ रेट (MSF Rate) को भी 6.75 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। एमएसएफ या मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट वह दर होती है जिस पर कोई बैंक लिक्विडिटी संकट आने पर लिक्विडिटी प्राप्त करने के लिए सरकारी सिक्योरिटीज को गिरवी रख सकता है।

महंगाई अभी भी चिंता का विषय

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने कहा है कि ताजा आंकड़ों के अनुसार हेडलाइन इंफ्लेशन (Inflation) अभी भी टार्गेट से ऊपर है और 2023-2024 में हमारे अनुमानों के अनुसार इसके ऊपर ही बने रहने की उम्मीद है। 2023-2024 के दौरान मुद्रास्फीति 5% से ऊपर रह सकती है। वैसे आरबीआई ने अप्रैल पॉलिसी में मुद्रास्फीति के लिए 5.2% के पूर्वानुमान को घटाकर 5.1% कर दिया है।

जीडीपी और 2000 के नोट पर क्या बोले दास

2023-24 के लिए 6.5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) रेट का अनुमान लगाया गया है। दास ने कहा है कि एवरेज सिस्टम लिक्विडिटी सरप्लस मोड में है और इसमें और भी इजाफा हो सकता है, क्योंकि 2000 रुपये के नोट बैंकों में जमा हो रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि ग्रामीण मांग में सुधार हो रहा है।

आरबीआई गवर्नर दास ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 6.5 फीसदी रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया है। इनमें से पहली तिमाही में 8%, दूसरी तिमाही में 6.5%, तीसरी तिमाही में 6% और चौथी तिमाही में 5.7% ग्रोथ रेट का अनुमान है।

निवेशक और लोन लेने वाले क्या करें

सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि आरबीआई के रेपो रेट ने बढ़ाने से जिन लोगों ने लोन ले रखा है, उनकी ईएमआई (EMI) नहीं बढ़ेगी। साथ ही नये लोन भी महंगे नहीं होंगे। इसलिए आप यदि चाहें तो अपने लोन को किसी ऐसे बैंक में शिफ्ट कर सकते हैं, जहां ब्याज दरें कम हैं। क्योंकि ब्याज दरों के बढ़ने की संभावना नहीं है।

दूसरी चीज की अब एफडी ( FD) में निवेश का सही समय है, क्योंकि एफडी की दरें स्थिर रह सकती हैं।

क्या कहते हैं जानकार

वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अशवनी राणा के अनुसार रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को न बढ़ाकर एक बार फिर EMI भरने वालों को बड़ी राहत दी है। रिजर्व बैंक के अनुसार महंगाई दर को काबू पाने में काफी हद तक सफलता मिली है। इससे पहले 6 बार रेपो रेट को बढ़ाया गया था। अभी रेपो रेट 6.50 फीसदी ही रहेगी। आने वाले समय में यदि महंगाई इसी प्रकार काबू में रहती है और मानसून भी अच्छा रहता है तो हो सकता है रिजर्व बैंक रेपो रेट को घटाने का फैसला ले सकता है।

रेपो रेट में वृद्धि से बैंकों से कर्ज लेने वाले बैंक के ग्राहकों के लिए मुश्किल बढ़ सकती थी। रिजर्व बैंक ने कर्ज लेने वालों के साथ साथ कर्ज देने वाले बैंकों को भी बड़ी राहत दी है। क्योंकि कर्ज महंगा होने से बैंकों सहित कई सेक्टर पर नेगेटिव असर होता है।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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