RBI Penalty On These Banks: आरबीआई ने इस बैंक और फाइनेंस कंपनी पर लगाया जुर्माना, जानें क्या कर दी गलती
RBI Penalty On These Banks: बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर अपने ग्राहक को जानिये (केवाईसी) सहित विभिन्न दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के चलते 1.27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा हिंदुजा लेलैंड फाइनेंस लिमिटेड और पूनावाला फिनकॉर्प लिमिटेड पर जुर्माना लगाया है।
आरबीआई का एक्शन
RBI Penalty On These Banks:भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BOM),हिंदुजा लेलैंड फाइनेंस और पूनावाला फिनकॉर्प पर एक्शन लिया है। रिजर्व बैंक ने यह कदम कर्ज वितरण के लिए ऋण प्रणाली,बैंकों में साइबर सुरक्षा ढांचे और अपने ग्राहक को जानिये पर आरबीआई के कुछ दिशानिर्देशों का पालन न करने के चलते लगाया गया। सबसे ज्यादा जुर्माना बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर लगाया गया है।
किस पर कितना जुर्माना
बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर अपने ग्राहक को जानिये (केवाईसी) सहित विभिन्न दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के चलते 1.27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना ‘बैंक कर्ज वितरण के लिए ऋण प्रणाली’, ‘बैंकों में साइबर सुरक्षा ढांचे’ और ‘अपने ग्राहक को जानिये’ पर आरबीआई के कुछ दिशानिर्देशों का पालन न करने के चलते लगाया गया। इसके अलावा हिंदुजा लेलैंड फाइनेंस लिमिटेड पर केवाईसी दिशानिर्देश, 2016 के कुछ प्रावधानों का पालन न करने पर 4.90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जबकि पूनावाला फिनकॉर्प लिमिटेड पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बयान के मुताबिक, यह कार्रवाई नियामकीय अनुपालन में कमी के चलते की गई है, और इसका ग्राहकों के साथ किसी लेनदेन की वैधता से संबंध नहीं है।
NBFC के लिए नियम सख्त
रिजर्व बैंक पारदर्शिता और अनुपालन में सुधार के लिए ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - पीयर टू पीयर ऋण मंच’ (एनबीएफसी - पी2पी ऋण मंच) के लिए मानदंड कड़े कर दिए।पी2पी ऋण मंच बैंकों या वित्तीय संस्थानों को मध्यस्थ बनाए बिना ऋण लेने वालों को सीधे कर्ज देने वालों से जोड़ते हैं।आरबीआई के संशोधित मास्टर निर्देश के अनुसार, पी2पी मंच को निवेश उत्पाद के रूप में कर्ज देने को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। इनमें सुनिश्चित न्यूनतम रिटर्न, नकदी विकल्प जैसी सुविधाएं नहीं होनी चाहिए।इसमें यह भी कहा गया कि एनबीएफसी-पी2पी ऋण मंच को किसी ऐसे बीमा उत्पाद की बिक्री के लिए ग्राहकों को लुभाना नहीं चाहिए जिसमें ऋण वृद्धि या ऋण गारंटी जैसी विशेषताएं शामिल हैं।
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