पाकिस्तान की जीडीपी से 2.5 गुना अमीर है RBI, जानें पास में कितनी दौलत
Pakistan GDP vs India RBI Balance Sheet in Hindi: भारतीय रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट 11.08 प्रतिशत बढ़कर 70.48 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह पाकिस्तान की जीडीपी से करीब 2.5 गुना है।
आरबीआई की नेट वर्थ में इजाफा (तस्वीर- BCCL/Canva)
Pakistan GDP vs India RBI Balance Sheet in Hindi: भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि RBI की बैलेंस शीट का साइज 31 मार्च 2024 तक 11.08 प्रतिशत बढ़कर 70.48 लाख करोड़ रुपये हो गया है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक 844.76 अमेरिकी डॉलर पर आरबीआई की बैलेंस शीट का साइज पाकिस्तान के पूरे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 2.5 गुना है, जिसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा करीब 338.24 अरब डॉलर आंका गया है।
कोविड से पहले के स्तर पर पहुंची RBI की बैलेंस शीट
वित्त वर्ष 23 में RBI की बैलेंस शीट 63.44 लाख करोड़ रुपये थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि इसकी बैलेंस शीट कोविड महामारी से पहले के स्तर पर सामान्य हो गई है। अब यह मार्च 2023 के अंत में 23.5 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2024 के अंत में भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 24.1 प्रतिशत हो गया है।
आय में 17.04 प्रतिशत की वृद्धि
वित्त वर्ष 24 में केंद्रीय बैंक की आय में 17.04 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि खर्च में 56.30 प्रतिशत की कमी आई। वित्त वर्ष 2024 में आरबीआई का सरप्लस सालाना आधार पर 141.23 प्रतिशत बढ़कर 2.11 लाख करोड़ रुपये हो गया। जिसे हाल ही में आरबीआई ने केंद्र सरकार को दिया। इसके अलावा आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024 में आकस्मिक निधि के लिए 42,820 करोड़ रुपये दिए।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उज्ज्वल भविष्य
आरबीआई का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए परिदृश्य उज्ज्वल बना हुआ है, जो मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल्स की निरंतर मजबूती से समर्थित है। फिर भी खाद्य महंगाई दर रेकरिंड सप्लाई झटकों के प्रति संवेदनशील बनी हुई है। जो लक्ष्य के साथ हेडलाइन महंगाई दर के त्वरित संरेखण को रोक रही है। आरबीआई ने कहा कि राजकोषीय समेकन को आगे बढ़ाते हुए पूंजीगत व्यय पर सरकार का निरंतर जोर है और उपभोक्ता और व्यापार आशावाद निवेश और उपभोग डिमांड के लिए अच्छा संकेत है।
अगले दशक में और तेज होगी विकास की गति
RBI ने वित्त वर्ष 25 के लिए करीब 7 प्रतिशत की वास्तविक GDP ग्रोथ का अनुमान लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था, व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के माहौल में अगले दशक में विकास की गति को बढ़ाने के लिए अच्छी स्थिति में है। इसमें कहा गया है कि जैसे-जैसे महंगाई दर के लक्ष्य की ओर बढ़ेगी, यह विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में खपत की मांग को बढ़ावा देगी। इसने आगे कहा कि बाहरी क्षेत्र की ताकत और विदेशी मुद्रा भंडार के रूप में बफर घरेलू आर्थिक गतिविधि को वैश्विक स्पिलओवर से बचाएंगे।
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