Sovereign Gold Bond: RBI देने जा रहा SGB में समय से पहले पैसा निकालने का ऑप्शन, रिडीम करने में फायदा है या नहीं
Sovereign Gold Bond: यदि आरबीआई की प्रीमेच्योर (समय से पहले) एग्जिट/रिडम्पशन विंडो का यूज किया जाए तो आपको कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा। मगर इन बॉन्ड्स को स्टॉक एक्सचेंज पर बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। इसी हिसाब से उचित समय पर बॉन्ड्स को सरेंडर करें।
RBI लाएगा SGB के लिए खास ऑप्शन
- SGB में प्रीमेच्योर रिडम्पशन का मौका
- आरबीआई देगा खास मौका
- हर 6 महीने में आता है ऑप्शन
Sovereign Gold Bond: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मई 2017 और मई 2020 के बीच जारी किए गए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds) या SGB के समय से पहले रिडम्पशन की तारीखों का ऐलान कर दिया है। केंद्रीय बैंक 11 अक्टूबर 2024 और 7 फरवरी 2025 तक करीब 30 एसजीबी को रिडीम करने की योजना बना रहा है। आरबीआई मैच्योरिटी से पहले आखिरी तीन दिनों में औसत सोने की कीमत के आधार पर रिडम्पशन प्राइस की घोषणा करेगा। मगर अकसर लोगों के मन में ये सवाल आ सकता है कि समय से पहले इन बॉन्ड्स को रिडीम करने पर क्या फायदा है? आगे जानिए समय से पहले रिडम्पशन को लेकर क्या हैं नियम, फायदा और नुकसान।
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टैक्स को लेकर क्या है नियम
यदि आरबीआई की प्रीमेच्योर (समय से पहले) एग्जिट/रिडम्पशन विंडो का यूज किया जाए तो आपको कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा। मगर इन बॉन्ड्स को स्टॉक एक्सचेंज पर बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। इसी हिसाब से उचित समय पर बॉन्ड्स को सरेंडर करें।
हर 6 महीने में दी जाती है जानकारी
RBI हर छह महीने में उन एसजीबी की लिस्ट जारी करता है, जो प्रीमेच्योर के लिए तैयार हो गए हैं। अब अगले 6 महीनों में जो बॉन्ड प्रीमेच्योर के लिए रेडी होंगे, उनकी जानकारी दी गई है।
कब कितनी कम यूनिट्स हुई रिडीम
2015 से आरबीआई 67 SGB स्कीम लॉन्च कर चुका है। इसमें 14.7 करोड़ यूनिट्स जारी हुईं। वहीं आरबीआई की ओर से 61 प्रीमेच्योर रिडम्प्शन सुविधा दी गईं। इनमें औसतन 17,000 यूनिट्स रिडीम हुईं।
रिडीम करना सही या नहीं
जानकार मानते हैं कि जिन लोगों ने केवल अच्छे रिटर्न के लिए गोल्ड बॉन्ड में निवेश किया है वे रिडीम कर सकते हैं। क्योंकि बीते सालों में सोना काफी महंगा हुआ है। मगर जिन लोगों को पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन रखना है वे निवेश बरकरार रखें।
आगे कैसा रह सकता है ट्रेंड
संभावना जताई जा रही है कि सोने के रेट इसलिए बढ़ सकते हैं क्योंकि यूएस फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में जल्द ही कटौती कर सकता है। यदि ऐसा हुआ तो गोल्ड महंगा होगा और तब बॉन्ड और अधिक फायदा दिलाएंगे।
डिस्क्लेमर : किसी भी निवेश ऑप्शन में निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें। यहां टाइम्स नाउ नवभारत डॉट कॉम निवेश पर अपनी कोई सलाह नहीं दे रहा है।
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