RBI द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी न करने की उम्मीद, ऊंची खुदरा महंगाई के चलते लगाए जा रहे अनुमान
RBI October MPC: रिजर्व बैंक ने आठ फरवरी, 2023 को रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था और तब से इसने अत्यधिक उच्च खुदरा मुद्रास्फीति और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों सहित कुछ ग्लोबल फैक्टर को देखते हुए दरों को उसी स्तर पर बरकरार रखा है।
RBI द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी न करने की उम्मीद
- आरबीआई की एमपीसी बैठक अगले महीने
- मौजूदा रेपो रेट बरकरार रखने की उम्मीद
- फिलहाल 6.5 फीसदी है रेपो रेट
RBI October MPC: खुदरा मुद्रास्फीति अब भी काफी उच्च स्तर पर है और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US Fed) ने कुछ और समय के लिए सख्त रुख बरकरार रखने का फैसला किया है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि अगले महीने की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मॉनेटरी पॉलिसी बैठक में नीतिगत दर (रेपो रेट) में एक बार फिर कोई बदलाव न करने का फैसला ले सकता है।
रिजर्व बैंक ने आठ फरवरी, 2023 को रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था और तब से इसने अत्यधिक उच्च खुदरा मुद्रास्फीति और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों सहित कुछ ग्लोबल फैक्टर को देखते हुए दरों को उसी स्तर पर बरकरार रखा है।
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6 अक्टूबर को होगा ऐलान
आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक चार-छह अक्टूबर को प्रस्तावित है। एमपीसी की पिछली बैठक अगस्त में हुई थी। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि उम्मीद है कि आरबीआई इस बार ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करेगा क्योंकि मुद्रास्फीति अब भी ऊंची बनी हुई है।
मुद्रास्फीति पर आरबीआई के अनुमान को सही माना जाए, तो तीसरी तिमाही में भी यह पांच प्रतिशत से ज्यादा रहेगी। ऐसे में चालू कैलेंडर साल 2023 में और संभवत: चौथी तिमाही में भी रेपो दर में बदलाव नहीं होगा।
खरीफ फसलों को लेकर अनिश्चितता
सबनवीस ने कहा कि खरीफ फसलों, खासकर दालों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। हालांकि, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में थोड़ा घटकर 6.83 प्रतिशत रह गई है। जुलाई में यह 7.44 प्रतिशत थी। हालांकि, यह रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से अब भी ऊपर है।
घट सकती है मुद्रास्फीति
सरकार ने आरबीआई को मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत की कमी-बढ़ोतरी के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी दी है। इक्रा (ICRA) लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सितंबर, 2023 में घटकर 5.3-5.5 प्रतिशत पर आने की उम्मीद है। इसमें टमाटर की औसत कीमत आधी होने से फायदा मिल सकता है।
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