RBI :फ्रॉड घोषित करना बैंकों के लिए नहीं होगा आसान, संबंधित व्यक्ति को देना होगा मौका

Bank Fraud: नए निर्देश के तहत कर्जदारों को नोटिस दिया जाना चाहिए, फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट के निष्कर्षों को समझाने का अवसर दिया जाना चाहिए । इसके अलावा धोखाधड़ी की कैटेगरी में डालने से पहले संबंधित बैंकों को उन्हें अपना पक्ष रखने की अनुमति दी जानी चाहिए।

आरबीआई का डिफॉल्टर पर नया फरमान

Bank Fraud: अब बैंकों के लिए किसी व्यक्ति को फ्रॉड घोषित करना आसान नहीं होगा। आरबीआई के नए निर्देश के अनुसार खाते को धोखाधड़ी की कैटेगरी में डालने से पहले कर्जदारों का पक्ष सुनना होगा। और बैंकों को समयबद्ध तरीके से प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करना होगा। रिजर्व बैंक ने यह आदेश सुप्रीम कोर्ट की सिफारिशों के आधार पर जारी किया है। जिसमें न्यायालय ने अपने आदेश में बैंकों से खाते को धोखाधड़ी की श्रेणी में डालने से पहले कर्जदारों की बात सुनने को कहा था।

अब बैंकों को करना होगा ये काम

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन पर सुप्रीम कोर्ट की सिफारिशों को शामिल करने के लिए मूल दिशानिर्देश में संशोधन किया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन पर तीन संशोधित मूल दिशानिर्देश सिद्धांत-आधारित हैं।आरबीआई ने बयान में कहा कि मूल निर्देशों में अब स्पष्ट रूप से जरूरी है कि केंद्रीय बैंक के दायरे में आने वाली इकाइयां (विनियमित संस्थाएं) सुप्रीम कोर्ट के 27 मार्च, 2023 के फैसले को ध्यान में रखते हुए व्यक्तियों/संस्थाओं के खातों को धोखाधड़ी की श्रेणी में रखने से पहले समयबद्ध तरीके से प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का अनुपालन सुनिश्चित करें।

End Of Feed