RBI ने रेपो रेट नहीं किया बदलाव, EMI पर राहत नहीं, सस्ते कर्ज के लिए अब ये काम करें कस्टमर
RBI Monetary Policy: आरबीआई के लिए अभी भी महंगाई चिंता का विषय है। जबकि अगर ताजा आंकड़ों को देखा जाय तो अगस्त में रिटेल महंगाई दर 6.83 फीसदी रही थी। जबकि आरबीआई का सामान्य स्तर 4-6 फीसदी होता है।

आरबीआई की मौद्रिक नीति का ऐलान
RBI Monetary Policy: आरबीआई (RBI) ने एक बार फिर रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया है। लगातार चौथी बार है जब भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। आज के फैसले के बाद रेपो रेट 6.5 फीसदी पर ही रहेगी। आरबीआई के इस कदम से कर्ज पहले से ले चुके लोगों को थोड़ी जरूरी मायूसी हाथ लगेगी। क्योंकि आरबीआई पिछले एक साल में महंगाई को देखते हुए रेपो रेट में 2.5 फीसदी बढ़ोतरी कर चुका है। और इस वजह से लोगों के ऊपर EMI का बोझ बढ़ गया है।
रेपो रेट में बदलाव नहीं करने की प्रमुख वजह महंगाई का अभी भी चिंताजनक स्थिति में बना होना है। ऐसे में आरबीआई वेट एंड वॉच वाली पॉलिसी बनाए हुए है। लेकिन एक बात जरूर है कि रेपो रेट नहीं बढ़ने से पॉलिसी को लेकर एक स्थिरता बनी हुई है और इकोनॉमी के लिए भी पॉजीटिव संकेत हैं। ऐसे में त्योहारों के पहले इकोनॉमी को बड़ा बूस्ट मिलेगा। आरबीआई गवर्नर ने साल 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है।
महंगाई अभी भी चिंता का विषय
आरबीआई (RBI Monetary Policy) के लिए अभी भी महंगाई चिंता का विषय है। और आरबीआई का अनुमान है कि 2023-2024 में वह उसके सामान्य स्तर से ज्यादा ही रहेगी। आरबीआई ने कहा है कि 2023-2024 के दौरान मुद्रास्फीति 5.4 फीसदी रह सकती है। जबकि अगर ताजा आंकड़ों को देखा जाय तो अगस्त में रिटेल महंगाई दर 6.83 फीसदी रही थी। जबकि आरबीआई का सामान्य स्तर 4-6 फीसदी के बीच होता है। ऐसे में जब तक महंगाई दर सामान्य स्तर पर नहीं आएगी, तब तक आरबीआई के लिए सस्ते कर्ज का तोहफा देना मुश्किल होगा। हालांकि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि सितंबर के बाद महंगाई कम होने लगेगी।
अब क्या करें होम,कार और बिजनेस लोन लेने वाले
सबसे पहले तो ये समझिए कि आरबीआई के रेपो रेट ने बढ़ाने से जिन्होंने लोन ले रखा है, उनकी ईएमआई (EMI)नहीं बढ़ेगी। इसके अलावा जो लोग लोन लेने की प्लानिंग कर रहें हैं, उन्हें भी महंगा कर्ज नहीं लेना पड़ेगा। इसलिए आप यदि चाहें तो अपने लोन को किसी ऐसे बैंक में शिफ्ट कर सकते हैं, जहां ब्याज दरें कम हैं। क्योंकि ब्याज दरों के बढ़ने की संभावना नहीं है। इसके अलावा अपने ही बैंक से कम ब्याज दर पर लोन शिफ्ट करा सकते हैं। इसके लिए लोन कन्वर्जन चार्ज देकर लोन शिफ्ट किया जा सकता है।
साथ ही अब एफडी ( FD) में निवेश का सही समय है, क्योंकि एफडी की दरें स्थिर रहेंगी। और जैसा महंगाई का अनुमान है आरबीआई आने वाले समय में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जगह उसमें कटौती कर सकता है। ऐसे में एफडी पर ज्यादा ब्याज लेने का यह सही समय है।
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