RBI Monetary Policy: नहीं हुआ कर्ज सस्ता, EMI पर निराशा, अब फर्जी लोन ऐप से बचाएगा RBI

RBI Monetary Policy August 2024 Updates: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी अगस्त मौद्रिक समीक्षा बैठक में रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर ही बरकरार है। ग्लोबल और घरेलू फैक्टर को देखते हुए उम्मीद थी कि आरबीआई इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा।

RBI Kept Repo Rate Unchanged

आरबीआई ने नहीं घटाई रेपो रेट

मुख्य बातें
  • RBI ने नहीं बढ़ाई रेपो रेट
  • 6.5 फीसदी रहेगी बरकरार
  • नहीं बढ़ेगी आपकी EMI

RBI Monetary Policy August 2024: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी अगस्त मौद्रिक समीक्षा बैठक में रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर ही बरकरार रखा है। लगातार 9वीं पर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ग्लोबल और घरेलू फैक्टर को देखते हुए उम्मीद थी कि आरबीआई इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा। रेपो रेट को न घटाने से कर्ज सस्ता नहीं होगा, जिससे आपकी EMI नहीं घटेगी। हालांकि कर्ज महंगा ने होने से EMI में इजाफा भी नहीं होगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति का हिस्सा मुख्य मुद्रास्फीति पर 46% है, इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरबीआई का फोकस महंगाई पर रहेगा। आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के 6 में से 4 सदस्यों ने रेपो रेट में बदलाव न करने के पक्ष में फैसला दिया।

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ये किए तीन बड़े ऐलान

1. UPI से टैक्स देने की लिमिट को 1 लाख से 5 लाख कर दिया गया है।

2. Cheque क्लियर होने की 2 दिन की सीमा को घटाकर कुछ घंटे कर दिया गया है। यानी अब कुछ घंटे में क्लियर हो जाएगा।

3. RBI Loan Apps को नोटिफाई करेगा जिससे लोग फर्जी लोन app से बच सकेंगे।

रिवर्स रेपो रेट और बैंक रेट मौजूदा स्तरों पर बरकरार

आरबीआई गवर्नर के मुताबिक टिकाऊ ग्रोथ के लिए प्राइस स्टेबिलिटी अहम है। आज की बैठक में एमएसएफ (Marginal Standing Facility), रिवर्स रेपो रेट और बैंक रेट को भी मौजूदा स्तरों पर बरकरार रखा गया है।

इस समय MSF 6.75%, रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत और बैंक रेट 6.75 प्रतिशत है। शक्तिकांत दास के मुताबिक आरबीआई महंगाई दर को 4 प्रतिशत के टार्गेट पर लाने की कोशिशों में जुटा है। मौजूदा ग्लोबल ग्रोथ आउटलुक पॉजिटिव लग रहा है, लेकिन मिड टर्म में ग्लोबल ग्रोथ के लिए चुनौतियां दिख रही हैं।

क्या होती है रेपो रेट

रेपो वह ब्याज दर है, जिसपर कमर्शियल बैंक अपनी फाइनेंशियल जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इसका उपयोग करती है। रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का मतलब है कि मकान, ऑटो समेत सभी कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में बदलाव की संभावना बहुत कम है।

कितना है GDP और महंगाई अनुमान

दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 2024-25 के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। वहीं चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के 4.5 प्रतिशत रहने के अनुमान को भी बरकरार रखा गया है।

2024 में लगातार चौथी बार रेपो रेट में बदलाव नहीं

वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अशवनी राणा के अनुसार रिजर्व बैंक की बैठक में भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 2024 में चौथी बार लगातार भी रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। महंगाई दर को काबू में रखने के लिए रिजर्व बैंक के प्रयास जारी हैं लेकिन अभी भी महंगाई दर रिजर्व बैंक के टार्गेट से ऊपर है। अभी रेपो रेट 6.50 ही रहेगा।

रेपो रेट में कमी होने का इंतजार कर रहे बैंकों के ग्राहकों को निराशा हाथ लगी है। यदि रिजर्व बैंक को लगा कि मेंहंगाई काबू में आ गई है तो रिजर्व बैंक की अगली होने वाली बैठक में रेपो रेट में कटौती कर सकता है। अच्छे मानसून के बीच आने वाली बैठक में रिजर्व बैंक कुछ पॉजिटिव फैसले ले सकता है।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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