RBI MPC Meeting: आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक, क्या रेपो रेट में होगी कटौती?
Monetary Policy Committee Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की द्विमासिक मासिक बुधवार को शुरू हुई। माना जा रहा है कि एमपीसी प्रमुख ब्याज दर रेपो को यथावत रखेगी। आरबीआई चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में रेपो दर में कटौती करेगा और यह कटौती कम रहने की संभावना है। खुदरा महंगाई दर को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया है।
आरबीआई एमपीसी की बैठक
Monetary Policy Committee Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की द्विमासिक मासिक बुधवार को शुरू हुई। माना जा रहा है कि एमपीसी प्रमुख ब्याज दर रेपो को यथावत रखेगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति द्वारा लिए गए निर्णयों की घोषणा करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर (रेपो) में कटौती की उम्मीद नहीं है, क्योंकि मुद्रास्फीति अब भी चिंता का विषय बनी हुई है। फरवरी 2023 से रेपो दर 6.5 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी हुई है। अर्थव्यवस्था में तेजी के बीच माना जा रहा है कि एमपीसी ब्याज दरों में कटौती से बचेगी। केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था और तब से उसने लगातार सात बार इसे यथावत रखा है।
रेपो दर में होगी कटौती?
एसबीआई के एक शोध पत्र के मुताबिक केंद्रीय बैंक को उदार रुख को वापस लेने के अपने निर्णय पर बरकरार रहना चाहिए। ‘एमपीसी बैठक की प्रस्तावना’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में उम्मीद जतायी गई कि आरबीआई चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में रेपो दर में कटौती करेगा और यह कटौती कम रहने की संभावना है। इसमें यह भी कहा गया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मई में पांच प्रतिशत के करीब रहने की उम्मीद है और उसके बाद जुलाई में घटकर तीन प्रतिशत रह जाएगी। खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े इस महीने के अंत में आंकड़े जारी किए जाएंगे। इसमें कहा गया कि अक्टूबर से वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत से नीचे रहने की उम्मीद है।
ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम
आरबीआई से उम्मीदों के बारे में हाउसिंग डॉट कॉम और प्रॉपटाइगर डॉट कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था ने अपना मजबूत प्रदर्शन जारी रखा है और 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर हासिल की है, जो 2022-23 में सात प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर यह उम्मीद की जाती है कि आरबीआई एमपीसी मौजूदा मुद्रास्फीति दबावों के बीच अपने वर्तमान नीतिगत रुख को बनाए रखेगी और इस वर्ष ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम ही नजर आ रही है।
महंगाई दर चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य
मनसुम सीनियर लिविंग के सह-संस्थापक अनंतराम वरयूर को भी उम्मीद है कि आगामी द्विमासिक नीति में केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर या तो यथावत रखी जाएगी या इसमें कटौती की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे उपायों की उम्मीद है, जो बाजार में नकदी की कमी को कम करेंगे और उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाएंगे, जिसका रियल एस्टेट की बिक्री पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया है। अरहास के सीईओ सौरभ राय ने कहा कि आरबीआई को भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी, स्थिरता समाधान के वित्तपोषण और प्रोत्साहन की सुविधा के लिए मौद्रिक नीति पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
एमपीसी में तीन बाहरी सदस्य और आरबीआई के तीन अधिकारी शामिल हैं। दर निर्धारण समिति के बाहरी सदस्य शशांक भिडे, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा हैं।
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रामानुज सिंह author
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें
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