RBI Monetary Policy Announcements: आरबीआई ने फिर दिया बड़ा झटका, दोबारा महंगा होगा लोन लेना

RBI Monetary Policy Meeting 2022 announcements: भारतीय रिजर्व बैंक की छह सदस्यी मौद्रिक सीमिति की बैठक में महंगाई, देश की इकोनॉमी और रेपो रेट सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई।

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RBI Monetary Policy December 2022 Announcement

मुख्य बातें
  • आरबीआई की तीन दिवसीय बैठक 5 दिसंबर 2022 को शुरू हुई थी।
  • 7 दिसंबर 2022 को गवर्नर शक्तिकांत दास ने निर्णयों की घोषणा की।
  • आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति में छह सदस्य होते हैं।
RBI Monetary Policy December 2022 Announcement: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने 7 दिसंबर को साल 2022 की आखिरी द्विमासिक मौद्रिक नीति (RBI MPC) के फैसलों का ऐलान किया। महंगाई के बीच आरबीआई के सामने इकोनॉमी को गति देने सहित कई चुनौतियां हैं। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट (Repo Rate) को फिर से बढ़ाने का फैसला लिया है। एमपीसी ने 5:1 के बहुमत से इस बढ़ोतरी का ऐलान किया है। रेपो रेट (Repo Rate) 35 आधार अंक बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दी गई है। पहले यह 5.90 फीसदी पर थी। स्थायी डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) 6 फीसदी पर है और एमएसएफ रेट और बैंक रेट 6.50 फीसदी पर है। उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने ब्याज दरों में लगातार 5वीं बार बढ़ोतरी की है।
जीडीपी ग्रोथ रेट पर ये है केंद्रीय बैंक का अनुमान
RBI ने चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 6.8 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया है। पहले इसके सात फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया गया था। चालू वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में यह 4.4 फीसदी और चौथी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 4.2 फीसदी रह सकती है। अगले वित्त वर्ष यानी 2023-24 की पहली तिमाही में वृद्धि दर 7.1 फीसदी रह सकती है। वहीं दूसरी तिमाही में इसके 5.9 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया गया है। दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगी।
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ग्लोबल इकोनॉमी में काफी अनिश्चितताएं
केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी में काफी अनिश्चितताएं हैं। भारत के मैक्रो-इकोनॉमिक फंडामेंटल मजबूत हैं। बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ 8वें महीने 10 फीसदी के ऊपर है। दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति का ब्याज दरों के मामले में उदार रुख वापस लेने का रुख अब भी बरकरार है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल स्तर पर अनिश्चितताओं के बाद भी इंडियन इकोनॉमी मजबूत बनी हुई है। निवेश के लिए भारत आकर्षक गंतव्य बना हुआ है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खाद्य सामग्री की कमी और फ्यूल की बढ़ी हुई कीमत से गरीब लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध (Russia Ukraine War) की वजह से ग्लोबल स्तर पर महंगाई ऊंची बनी हुई है।
कितनी रहेगी महंगाई दर?
दास ने यह भी कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है। ऐसे में मौद्रिक कदम उठाने की जरूरत है। अगले 12 महीनों में महंगाई 4 फीसदी के लक्ष्य से ज्यादा रह सकती है। केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई का अनुमान नहीं बदला है। वित्त वर्ष 23 में यह 6.7 फीसदी रह सकती है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही में यह क्रमश: 6.6 फीसदी और 5.9 फीसदी रह सकती है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसके 5 फीसदी और दूसरी तिमाही में इसके 5.4 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया गया है।
मजबूत है कृषि क्षेत्र
एग्रीकल्चर सेक्टर मजबूत है। रबी की बुवाई सामान्य से 6.8 पीसदी ज्यादा है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर की अवधि में नॉन- एग्रीकल्चर लोन बढ़कर 10.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 1.9 लाख करोड़ रुपये था। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक आंकड़ों पर गौर करने के बाद नीतिगत कदम उठाएगा। आने वाले महीनों में नकदी की स्थिति में सुधार होगा।
मालूम हो कि देश में बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई इस साल मई से अब तक रेपो रेट में पांच बार कुल 2.25 फीसदी की वृद्धि कर चुका है।
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई (UPI) जल्द ही ग्राहकों को किसी उद्देश्य विशेष के लिए अकाउंट में अपनी राशि को 'ब्लॉक' करने की अनुमति देगा। यूपीआई और भारत बिल पेमेंट सिस्टम (Bharat Bill Payment System) को आगे बढ़ाने के लिए काम किया जाएगा। अब IFSC में गोल्ड प्राइज रिस्क के एक्सपोजर को हेज किया जा सकेगा।
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डिंपल अलावाधी author

बिजनेस डेस्क पर कार्यरत डिंपल अलावाधी की कारोबार के विषयों पर अच्छी पकड़ है। पत्रकारिता में 5 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाली डिंपल की व्यापार में खा...और देखें

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