RBI Monetary Policy: फिर बढ़ेगी लोन की ब्याज दर! रिजर्व बैंक करेगा तय

RBI Monetary Policy Meeting 2022: एसोचैम ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट में बढ़ोतरी को कम रख सकता है। उद्योग मंडल के अनुसार ब्याज दर में ज्यादा वृद्धि का आर्थिक पुनरुद्धार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

RBI Monetary Policy: फिर बढ़ेगी लोन की ब्याज दर!

मुख्य बातें
  • इस साल जनवरी से मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है।
  • MPC की बैठक केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हो रही है।
  • छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक सोमवार से शुरू हो गई।

RBI Monetary Policy December 2022: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक 5 दिसंबर 2022 से शुरू होकर 7 दिसंबर तक चलने वाली है। तीन दिनों तक चलने वाली इस बैठक में केंद्रीय बैंक की ओर से रेपो रेट (Repo Rate), महंगाई और अर्थव्यवस्था के अनुमान सहित कई निर्णय लिए जाएंगे। देश में बढ़ती महंगाई में नरमी लाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बुधवार को कई घोषणाएं कर सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों में वृद्धि को लेकर नरम रुख अपनाया जा सकता है।

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कितनी बढ़ेगी रेपो रेट?

विशेषज्ञों का अनुमान है कि ब्याज दरों में लगातार तीन बार 0.50 प्रतिशत की वृद्धि करने के बाद अब केंद्रीय बैंक इस बार ब्याज दरों में 0.25 से 0.35 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक सोमवार से शुरू हो रही है। तीन दिन की बैठक के नतीजों की घोषणा सात दिसंबर को की जाएगी। घरेलू कारकों के अलावा एमपीसी अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व का अनुसरण कर सकती है जिसने इस महीने के अंत में दरों में कुछ कम वृद्धि करने के संकेत दिए हैं।

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एक्सपर्ट्स की राय

रिजर्व बैंक ने इस वर्ष मई से प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि की है। हालांकि, इसके बावजूद मुद्रास्फीति जनवरी से ही छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि एमपीसी इस बार भी दरों में वृद्धि करेगी। हालांकि, यह वृद्धि 0.25 से 0.35 प्रतिशत तक ही होगी। ऐसा अनुमान है कि रेपो दर इस वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। इसका मतलब है कि फरवरी में रेपो दर में एक और वृद्धि देखने को मिलेगी।’’

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