RBI Monetary Policy: छठी बार ग्राहकों को रेपो रेट का झटका,सभी तरह के लोन होंगे महंगे
RBI Monetary Policy: आरबीआई ने एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी है। रेपो रेट में 0.25 फीसगी कीबढ़ोतरी से होम लोन , कार लोन सहित दूसरे लोन महंगे हो जाएंगे। यानी ईएमआई में बढ़ोतरी होगी।
शक्तिकांत दास, आरबीआई के गवर्नर
मुख्य बातें
- आरबीआई ने मौद्रिक नीति का किया ऐलान
- रेपो रेट में एक बार फिर बढ़ोतरी
- 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा, नया रेपो रेट 6.5
RBI Monetary Policy, Hike Repo Rate:आरबीआई ने मौद्रिक नीति का ऐलान कर दिया है। उसने एक बार फिर रेपो रेट को बढ़ा दिया है। रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। आरबीआई के ऐलान के बाद सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे। इसका मतलब यह है कि होम लोन और महंगा होगा और आपकी ईएमआई में बढ़ोतरी होगी। नया रेपो रेट अब 6.5 होगा। बता दें कि इससे पहले रेपो रेट में पांच बार बढ़ोतरी की गई थी। जून,अगस्त और सितंबर में 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया था। आरबीआई ने मई 2022 से छठीं बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी की बड़ी वजह अभी भी महंगाई का 6 फीसदी की करीब बने रहना है। ऐसे में संभावना था कि आरबीआई 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है।
महंगाई औसतन 5.6 फीसद रहने की उम्मीद
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण अब उतना गंभीर नहीं दिखता जितना कुछ महीने पहले था। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में विकास की संभावनाओं में सुधार हुआ है जबकि महंगाई कम हो रही है हालांकि वह अभी भी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में लक्ष्य से काफी ऊपर है। उन्होंने कहा कि 2022-23 के चौथी तिमाही तक महंगाई की दर औसतन 5.6 फीसद पर रहने की उम्मीद है। वहीं वित्त वर्ष 2022-23 की बात की जाय तो महंगाई दर पूरे साल के लिए 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। वहीं साल 2023-24 के लिए 5.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि पिछले तीन वर्षों की अभूतपूर्व घटनाओं ने दुनिया भर में मौद्रिक नीति की परीक्षा ली है। उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं को नीतिगत विश्वसनीयता बनाए रखते हुए आर्थिक गतिविधियों को समर्थन देने और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के बीच ग्रोथ को कंट्रोल करना पड़ा है। इसके पहले बजट के बाद वित्त सचिव ने कहा था कि होम लोन महंगा जरूर हुआ है। लेकिन भविष्य में इसमें कमी आएगी।
नए साल में इतनी रहेगी GDP ग्रोथ
आरबीआई गवर्नर का कहना है कि नए वित्त वर्ष (2023-24) में 6.4 फीसदी GDP ग्रोथ रहने का अनुमान है। वहीं पहली तिमाही में GDP ग्रोथ 7.8 फीसदी संभव है। केंद्रीय बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को 6.8 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
ललित राय author
खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया म...और देखें
End Of Feed
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited