RBI MPC Meeting: आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान आज, रेपो रेट में बदलाव की उम्मीद नहीं, जानें कैसा रहेगा शेयर बाजार
RBI MPC Meeting Feb 2024: यदि आरबीआई मोनेटरी पॉलिसी में ढील की दिशा में कदम बढ़ाता है तो निवेशक शेयर बाजार में नई तेजी की उम्मीद कर सकते हैं। यानी अगर मॉनेटरी पॉलिसी में आरबीआई का रुख नरम रहे या रेपो रेट में कटौती की जाए तो शेयर बाजार पर इसका सकारात्मक असर पड़ सकता है।
आरबीआई एमपीसी बैठक फरवरी 2024
मुख्य बातें
- आरबीआई की एमपीसी के नतीजों का ऐलान आज
- रेपो रेट में बदलाव की उम्मीद नहीं
- फिलहाल 6.5 फीसदी है रेपो रेट
RBI MPC Meeting Feb 2024: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 6 फरवरी से शुरू हुई थी। आज गुरुवार 8 फरवरी को एमपीसी के नीतिगत फैसलों का ऐलान होगा। ये अंतरिम बजट के बाद पहली और 2024 की भी पहली ही एमपीसी मीटिंग है। संभावना है कि समिति रेपो रेट को मौजूदा 6.5 फीसदी के स्तर पर ही बरकरार रखेगी। इससे पहले लगातार 5 बार से एमपीसी ने में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट को 6.5 फीसदी बरकरार रखने का उद्देश्य 4 प्रतिशत के उपभोक्ता मूल्य-आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) या खुदरा महंगाई के टार्गेट को हासिल करना है। रेपो रेट पर एमपीसी के फैसले का शेयर बाजार समेत बाकी आर्थिक चीजों पर क्या असर पड़ेगा, आगे जानिए।संबंधित खबरें
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शेयर बाजार पर असर
अनुमान है कि यदि आरबीआई मोनेटरी पॉलिसी में ढील की दिशा में कदम बढ़ाता है तो निवेशक शेयर बाजार में नई तेजी की उम्मीद कर सकते हैं। यानी अगर मॉनेटरी पॉलिसी में आरबीआई का रुख नरम रहे या रेपो रेट में कटौती की जाए तो शेयर बाजार पर इसका सकारात्मक असर पड़ सकता है।संबंधित खबरें
बैंकिंग शेयरों में आ सकती है तेजी
रेपो रेट में कटौती का प्राइवेट बैंकों के शेयरों पर पॉजिटिव असर पड़ सकता है। इससे आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक को सहारा मिल सकता है। अप्रैल 2022 में आरबीआई ने समायोजन (Accommodating) रुख से हटना शुरू कर दिया था।संबंधित खबरें
इसके नतीजे में पिछले छह महीनों में बैंकिंग सिस्टम में फंड की कमी हो गई है। बैंक आरबीआई से भारी मात्रा में उधार ले रहे हैं, जो जनवरी में कई वर्षों के उच्चतम स्तर 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक पर पहुंच गया है।संबंधित खबरें
महंगाई पर नजर
खुदरा महंगाई जुलाई 2023 में अपने उच्चतम 7.44 प्रतिशत से तो कम हो गई है, मगर यह अभी भी उम्मीद से अधिक बनी हुई है। दिसंबर 2023 में ये 5.69 प्रतिशत पर रही। हालांकि, यह आंकड़ा वैसे रिज़र्व बैंक की 4-6 प्रतिशत की कंफर्टेबल लिमिट के अंदर आता है। उम्मीद है कि आरबीआई मुद्रास्फीति के प्रति सतर्क रुख बनाए रखेगा।संबंधित खबरें
PSU शेयरों में तेजी
कल राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा कि ज्यादातर पीएसयू शेयर अब अच्छा रिटर्न दे रहे हैं। उनके इस बयान का आज पीएसयू शेयरों पर पॉजिटिव असर दिख सकता है। उन्होंने 2014 के बाद से अपनी सरकार के प्रदर्शन के बारे में बोलते हुए कहा कि पीएसयू शेयरों में लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पीएसयू कंपनियों की कुल संपत्ति अब 17 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जो 2014 में 9.5 लाख करोड़ रुपये थी।संबंधित खबरें
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काशिद हुसैन author
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर व...और देखें
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