GDP ग्रोथ रेट का घटा अनुमान, महंगाई पर 'अर्जुन की आंख' की तरह नजर: RBI

RBI Announcements: महंगाई (Inflation) में कमी लाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की है। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की वजह से सप्लाई चेन में अड़चनों की वजह से पिछले 10 महीनों से रिटेल इन्फ्लेशन छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है।

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GDP ग्रोथ रेट का घटा अनुमान, महंगाई पर 'अर्जुन की आंख' की तरह नजर: RBI

नई दिल्ली। 7 दिसंबर 2022 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी की घोषणा कर दी है। अब रेपो रेट बढ़कर 6.25 फीसदी हो गई है। तीन दिनों तक चली मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में सिर्फ रेपो रेट पर ही नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और महंगाई पर भी चर्चा हुई है। सेंट्रल बैंक ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के ग्रोथ रेट का अनुमान कम कर दिया है। आइए जानते हैं इकोनॉमी और महंगाई पर आरबीआई का क्या आउटलुक है।
महंगाई पर 'अर्जुन की आंख' की तरह नजर
रिजर्व बैंक ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति छह प्रतिशत के स्तर से नीचे आ जाएगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की घोषणा करते हुए बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंक की मुद्रास्फीति पर 'अर्जुन की आंख' की तरह नजर है। कीमतों की स्थिति से निपटने के लिए रिजर्व बैंक 'त्वरित और लचीला' रुख अपनाएगा। हालांकि, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल सहित जिंसों के दाम नीचे आए हैं लेकिन भू-राजनीतिक घटनाक्रमों की वजह से निकट अवधि का परिदृश्य अनिश्चित बना हुआ है।
इसके अलावा घरेलू सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी का असर भी कीमतों पर पड़ा है क्योंकि कंपनियां उत्पादन लागत का बोझ आगे बढ़ा रही हैं। रिजर्व बैंक ने कहा, 'इन कारकों को ध्यान में रखते हुए और कच्चे तेल की औसत कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल मानते हुए हमारा अनुमान है कि 2022-23 में मुख्य मुद्रास्फीति छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर यानी 6.7 प्रतिशत पर बनी रहेगी।' केंद्रीय बैंक ने कहा, 'वहीं चालू वित्त वर्ष की तीसरी अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में यह 6.6 प्रतिशत रहेगी। चौथी जनवरी-मार्च की तिमाही में मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से कम यानी 5.9 प्रतिशत रहेगी।'
वृद्धि दर का घटा अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2022-23) के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले रिजर्व बैंक ने वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि वृद्धि दर के अनुमान में कमी के बावूजद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच इसे उम्मीद की किरण के रूप में देखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने सितंबर में भी वृद्धि दर का अनुमान घटाया था। वहीं विश्व बैंक ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 से बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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