RBI Dividend:चुनाव बाद भारत की बदलेगी रेटिंग ! RBI के 2 लाख करोड़ करेंगे कमाल
India Sovereign Rating: फिच, एसएंडपी और मूडीज रेटिंग एजेंसियों ने स्थिर आउटलुक के साथ भारत को सबसे कम निवेश स्तर की रेटिंग दी हुई है। निवेशक किसी देश में निवेश करते समय रेटिंग पर गौर करते हैं।
भारतीय इकोनॉमी को मिलेगा बूस्ट
India Sovereign Rating:चुनाव के बाद भारत की ग्लोबल रेटिंग के लिए अच्छी खबर आ सकती है। ऐसा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा सरकार को दिए दो लाख करोड़ रुपये से अधिक के रिकॉर्ड लाभांश से होता है। भारत सरकार अगर राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए आरबीआई से प्राप्त दो लाख करोड़ रुपये से अधिक के रिकॉर्ड लाभांश का इस्तेमाल करता है, तो उसे आने वाले समय में ‘रेटिंग सपोर्ट’ मिल सकता है। एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग के एक विश्लेषक ने यह अहम बात कही है।आरबीआई के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपये का लाभांश देने का फैसला किया है। यह अब तक का सर्वाधिक लाभांश है। यह बजट में जताये गये 1.02 लाख करोड़ रुपये के अनुमान से दोगुने से भी अधिक है। अंतरिम बजट में सरकार ने आरबीआई और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों से कुल 1.02 लाख करोड़ रुपये की लाभांश आय का अनुमान जताया था।
क्यों सुधरेगी रेटिंग
एसएंडपी ग्लोबल रेटंग्स के विश्लेषक यीफर्न फ़ुआ ने पीटीआई-भाषा से कहा कि आरबीआई से अतिरिक्त लाभांश सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 0.35 प्रतिशत है। यह वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे को कम करने में मदद करेगा या नहीं, यह वास्तव में अंतिम बजट पर निर्भर करेगा। यह जून के चुनाव परिणामों के बाद पारित किया जाएगा।इस साल फरवरी में संसद में पेश अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है।
उन्होंने ई-मेल के जरिये सवालों के जवाब में कहा कि आरबीआई के अधिक लाभांश से घाटे में कमी कुछ बातों पर निर्भर है। अंतिम बजट में विनिवेश जैसे क्षेत्रों से राजस्व प्राप्ति कम रहती या व्यय मद में अतिरिक्त आवंटन होता है तो आरबीआई के अतिरिक्त लाभांश से घाटे में बहुत ज्यादा कमी नहीं आएगी।फ़ुआ ने कहा कि हालांकि, अगर इससे घाटा कम हो जाता है, तो हमारा मानना है कि भारत राजकोषीय मजबूती पर तेजी से बढ़ेगा। फलस्वरूप यह आने वाले समय में रेटिंग के स्तर पर समर्थन प्रदान करेगा
अभी क्या है रेटिंग
सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.1 प्रतिशत पर रहेगा। यह 2023-24 में 5.8 प्रतिशत था। FRBM के अनुसार सरकारी व्यय और राजस्व के बीच का अंतर 2025-26 तक कम करके 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य है।एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने पिछले साल मई में वृद्धि पर स्थिर आउटलुक के साथ भारत की रेटिंग ‘बीबीबी-’ रखी थी। इसके साथ कमजोर वित्तीय प्रदर्शन और प्रति व्यक्ति कम जीडीपी को जोखिम के रूप में चिह्नित किया था।'बीबीबी-' निवेश को लेकर सबसे निचले स्तर की रेटिंग है।तीनों वैश्विक रेटिंग एजेंसियों - फिच, एसएंडपी और मूडीज - ने स्थिर परिदृश्य के साथ भारत को सबसे कम निवेश स्तर की रेटिंग दी हुई है। निवेशक किसी देश में निवेश करते समय रेटिंग पर गौर करते हैं।
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